आज के आधुनिक युग में बेरोजगारी की समस्या
*आज के आधुनिक युग में बेरोजगारी की समस्या*
आज के समय आम आदमी की जीने में बाधक सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी बन गई है ।
सुबह शाम कमाकर शाम को खाने वालों गरीब मजदूर वर्ग का जब रोजगार छीन जाय ।
देश में लाक डाउन लग जायऔर सरकारी आदेश पर लोग घरों में कैद रहेंगे ।
तब भूखमरी बेरोजगारी और बढ़ेगी, आम जनता का जीवन यापन करना मुश्किल होगा ।
कोरोना काल में बहुत से प्राईवेट स्तर के कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया कंपनी ने।
तनख्वाह आधी कर दी गई 50 % स्टाफ कम कर दिया। भारत में फैक्ट्रियों, आफिस, विभाग ने ,
रोजगार, धंधा व्यवसाय , बंद हो जाना मार्केट, दुकान , बंद रहना प्रोडक्शन ना हो पाना ,आयात निर्यात सब बंद होने से आम आदमी के जीवन में प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है ।
और बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है ।
आज एक नमक की पैकेट लेने जाओ तो 20 रूपए की मिल रहा है।
जो कभी 5 रूपए का मिलता था 40 रूपए का तेल 175 रूपए में मिल रहा है।
300 रूपए में मिलने वाला गैस सिलेंडर आज 900 रुपए में मिल रहा है।
मंहगाई आसमान को छू रही हैं
आम आदमी को पैसों की किल्लत है,जेब खाली हैं ।
सरकार को गरीबों के लिए मुफ्त राशन कार्ड बी पी एल वालों को ऐ योजना निरंतर जारी रखना चाहिए है ।
इससे गरीबों को काफी लाभ होता है।
सरकार को मंहगाई भत्ता देना चाहिए युवाओं को ।
सरकारी योजनाओं के बंद होने से , मुख्यमंत्री आवास, मनरेगा के तहत १०० दिन तक मिलने वाला काम बंद होने से ग्रामीण अंचलों के मजदूरों के पास रोजी रोटी की समस्या खड़ी हुई है। देश में राज्यों में रोजगार, कंपनी, फैक्ट्रियों के ना होने से से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ के युवा , मजदूर अन्य पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली , आंध्र प्रदेश,का रूख करते हैं ।
सरकार को इस विषय पर महत्व पूर्ण कदम उठाना चाहिए।
प्रदेश की सरकार को इंडस्ट्रियल समिट सालाना आयोजित कर बाहर के उधोगपतियो को आमंत्रित करना चाहिए।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदित्य, बिड़ला, एसीसी सीमेंट के चैयरमेन से बात कर राज्य में सम्पूर्ण व्यवस्था कर भूमि,लाईट, मशीनरी करण अन्य तकनीकी संसाधन उपलब्ध करा कर स्वीकृति प्रदान कर उधोग धंधे शुरू करने के लिए सहयोग करना चाहिए।
तभी हमारे आने वाले बच्चों युवाओं को रोजगार , नौकरी मिलेगी उनका कल भविष्य सुरक्षित होगा और उन्हें अन्य राज्य भटकना नहीं पड़ेगा।
दिन में काम करके रात अपने कुटुम्ब परिवार परिजनों के बीच कटेगी ।
सरकार को ग्रेजुएट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को जिन्होंने अपनी मेहनत से मेरिट लिस्ट में जगह बनाई परीक्षा पास की और योग्यता रखते हैं ,डिग्री है उन्हें सरकार नौकरी प्रदान करें ।
जिससे युवाओं का आने वाला कल सुरक्षित हो।
भेदभाव, जातिवाद रूढ़ीवादी परम्पराओं को समाप्त करें ।
कुछ योग्य उत्तीर्ण छात्रों के मन में निराशा तब होती हैं नौकरी की परीक्षा ट्रैनिंग निकालने के बाद उनकी आंखों के सामने 80% प्रतिशत वाले को नजर अंदाज कर 40% प्रतिशत वाले को नौकरी दे दी जाती हैं।
आरक्षण के बैशाखी के सहारे कब तक ईमानदार, योग्य , छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जाएगा?
सरकार वोट बैंक की राजनीति के कारण जातिगत आरक्षण व्यवस्था को कब तक लागू रखेंगी?
एसटी, एससी, ओबीसी, वर्ग के लोगों को लाभ मिल रहा है ।
नौकरी में 50% वर्तमान में लागू है ।
अन्य समुदाय ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य,वर्ग के लोगों के साथ यह भेद भाव पूर्ण अन्याय है। अनेक नवीन प्रतिभाओं को आरक्षण रूपी व्यवस्था के कारण दम तोडना पड़ता है ।
सरकार को आगामी योजनाओं पर बिल में संशोधन कर इस व्यवस्था को रद्द कर देना चाहिए।
और आयोग गठित करके सभी वर्ग के लिए समान नीति बनानी चाहिए ।
सभी वर्गों का विकास हो युवाओं को रोजगार नौकरी मिले, लोन मिले बैंकों से ।
कुटीर उद्योग फैक्ट्री और लघु उद्योग के कारखाने स्थापित करके ,क्षेत्रीय, लोगों को रोजगार दिया जाय। हर जिले संभाग में वहां के खनिज संपदा को तलाशा जाएं।
रेत, गिट्टी,मूरम,चूना पत्थर , क्रसर लगाया जाएं ।
ग्रामीण अंचलों के गरीबों को रोजगार दिया जाएं।
साथ ही जो भी बंद ईकाईयां है उसे तत्काल शुरू कर दिया जाएं ।
इस तरह बढ़ती हुई जनसंख्या की बीच रोजगार मुहैया होगा ।
और गरीब जनमानस सुख शांति से जीवन व्यतीत करेंगी
✍️ शैलेन्द्र प्यासी ( युवा लेखक पत्रकार विजयराघवगढ़ -कटनी मध्यप्रदेश )