लावणी छंद” सृजन शब्द – “बेरोजगारी

” प्रभु पग धूल पटल ”
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बुधवार – छंद प्रतियोगिता
“लावणी छंद”
सृजन शब्द – “बेरोजगारी”
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बेरोजगारी महामारी ,
बन कोरोना है आया ।
देश दर्द के बीच उभरता ,
विषधर यहाँ मंडराया ।।

शिक्षित होकर लोग घूमते ,
गाँव गली चौबारे में ।
तरस नहीं खाता है कोई ,
थोड़ा इनके बारे में ।।

शुभ संस्कारित शिक्षा से भी ,
मिले नहीं दाना -पानी ।
आटा गीला कर देती है ,
भाग्य गरीबी में पानी ।।

मातु-पिता के शुभ सपनों को ,
सुंदर स्वरुप है देना ।
बेरोजगारी मिटाने को ,
तन-मन साहस भर लेना ।।
=========×××========
(नरेन्द्र वैष्णव )
सक्ती

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