हिंदी पत्रकारिता का इतिहास विश्वसनीयता, राष्ट्रभक्ति ,स्वावलंबन व जन जन के कल्याण की कसौटी पर खरा उतरा है
झांसी। हिंदी पत्रकारिता का इतिहास विश्वसनीयता, राष्ट्रभक्ति ,स्वावलंबन व जन जन के कल्याण की कसौटी पर खरा उतरा है। स्वतंत्र भारत में पत्रकारिता जितने अधिक उच्च मानदंडों का पालन करेगी भारत की एकता अखंडता सांप्रदायिक सद्भाव व राष्ट्र के विकास में उतना ही अधिक योगदान होगा ।
हिंदी पत्रकारिता के 196 वे स्थापना दिवस पर श्री गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता उन्नयन समिति के तत्वावधान में आज यह संदेश पत्रकारिता से जुड़ी विभिन्न शख्सियतों ने दिया। कोराना काल के चलते चार माध्यम के आधार पर कार्याध्यक्ष पत्रकार भवन श्री प्रवीण कुमार जैन ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की मजबूती के लिए मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है हमें विभिन्न विषयों पर सहमति एवं असहमति पूर्ण विचारों का सम्मान करते हुए जनकल्याण को प्राथमिकता देनी होगी।
राज्य विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता के गौरवशाली इतिहास का अध्ययन कर हमें इसकी मर्यादाओं को बनाए रखना होगा ।
उत्तर प्रदेश शासन केमुख्य सचिव कार्यालय में उपनिदेशक श्री दिनेश कुमार गुप्ता ने पत्रकारों को बधाई देते हुए कोरोना काल में किए सहयोग को प्रशंसनीय बताया।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्री प्रदीप कुमार जैन ने कहा कि कोविड-19 के दौर में पत्रकारों ने जनता को सही सूचनाओं से परिचित कराया इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में आर्थिक संकट के बाद भी पत्रकारों ने कवरेज में जो दायित्व निभाया है उसकी सराहना की जानी चाहिए। ग्वालियर के न्यायाधीश डॉ कुलदीप जैन ने कहा कि कलम टूट जाती है, पत्रकार भी टूट सकता है पर जनता तक सच पहुंचाने का सिलसिला कभी नहीं टूटता ।उन्होंने कहा स्वतंत्र निष्पक्ष और साहसिक पत्रकारिता के बल पर ही सशक्त राष्ट्र निर्माण संभव है और हिंदी पत्रकारिता का रचनात्मक योगदान इस में समर्थ है।
पत्रकार भवन के महामंत्री मोहन नेपाली ने कहा कि भारत में हिंदी का पहला समाचार पत्र 30 मई 18 26 को पंडित युगल किशोर शुक्ल के निर्देशन में कोलकाता से प्रकाशित हुआ जो 1 वर्ष में बंद हो गया ,लेकिन हिंदी पत्रकारिता का यशोगान आज भी हो रहा है ।
वरिष्ठ नेत्री श्रीमती अनुराधा शर्मा ने हिंदी को मातृभाषा बताते हुए कहा कि शब्द ब्रह्म है ,शब्द सत्य को चरितार्थ करेंगे तो हिंदी पत्रकारिता राष्ट्र के लिए सदैव हितकारी रहेगी।
मेडिकल कॉलेज के उपप्राचार्य डॉ अंशुल जैन ने कहा कि भारत के आम आदमी व अधिकांश लोग हिंदी अखबार व साहित्य को पढ़ते हैं हिंदी पत्रकारिता का गौरवशाली इतिहास पत्रकारों को आज के दिवस और अधिक दायित्व बोध की प्रेरणा देगा। बुंदेलखंड प्रेस वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष शीतल प्रसाद तिवारी ने हिंदी पत्रकारिता के पवित्र कार्य को कलंकित करने से रोकने के लिए उपायों पर जोर दिया।
दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार रघुवीर शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में हिंदी पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है कोरोना महामारी में पत्रकारों ने लोगों को जागरूक करने में योगदान किया, इस दौरान कई पत्रकार महामारी की चपेट में आए और बलिदान भी हुए हैं।
अपनी माटी के संपादक आशुतोष बनर्जी ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने स्वतंत्रता संग्राम को गति दी आज भी हिंदी पत्रकारिता के बगैर देश की पत्रकारिता अधूरी है ।
समाज सेविका नीति शास्त्री ने तकनीकी शिक्षा में हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम सम्मिलित करने पर जोर दिया ।
मीडिया क्लब के अध्यक्ष मुकेश वर्मा ने पत्रकारों के कवरेज के दौरान कड़ी मेहनत की चर्चा करते हुए आर्थिक तंगी से गुजर रहे एवं जीवन खो चुके पत्रकारों के परिवारों को सरकार से सहयोग की अपेक्षा की।
वरिष्ठ पत्रकार विशाल त्रिपाठी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में शामिल होने वाले स्वार्थी तत्वों पर नजर रखने के लिए पत्रकार संगठनों की सक्रिय भूमिका की जरूरत बताइए वक्ताओं में सुदर्शन शिवहरे,मनमोहन मनु का.हरेंद्र सक्सेना ,बसु जैन अमर उजाला, सुरेश तिवारी ,अनंजय नेपाली, हरी कृष्ण चतुर्वेदी राष्ट्रीय सहारा, दीपक सिंह चंदेल आदि ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए। आभार ज्ञापन पंकज सक्सेना ने किया। सब सरकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोरोना से पीड़ित पत्रकारों की मृत्यु पर दस लाख रुपए सहयोग राशि दिए जाने पर उनके प्रयासों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
पत्रकार✍️ स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रेषित रिपोर्ट नीरज जैन ,अमित सैनी, साकेत सक्सेना