जिला मुख्यालय में ट्रैफिक पुलिस निरीक्षक अरविंद कुमार मिश्रा पर लग रहे अवैध वसूली के आरोप
जिला मुख्यालय में ट्रैफिक पुलिस निरीक्षक अरविंद कुमार मिश्रा पर लग रहे अवैध वसूली के आरोप
एक खास दलाल के माध्यम से वसूली का पीड़ित ने लगाया है आरोप
पीड़ित ने जिले के आला अधिकारियों को अवगत कराने के साथ हेल्पलाइन 1076 में की शिकायत
कोरोना संक्रमण के बीच जहां शासन-प्रशासन गरीब और असहायों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रहा है। वहीं पुलिस के कुछ अधिकारी गाड़ी मालिकों से उगाही करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मामले में पीड़ित ने ज़िले के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
मामला महोबा जिले का है. जहां जिला मुख्यालय में श्रीमती राम कुमारी पत्नी कृष्णकांत तिवारी निवासी सतीपुरा महोबा के द्वारा जिले के आला अधिकारियों को एक शिकायती पत्र सौंपा गया है जिसमें उन्होंने बताया उनकी गाड़ी संख्या यूपी 95 टी 0469 क्रूजर एचपीवी है जिसमें की बीते 18 मई को ड्राइवर हरिकिशन परिवार के ही 4 सदस्यों को महोबा से गाड़ी में बैठा कर बसेला पहाड़ी तहसील राठ जिला हमीरपुर जा रहा था तभी रास्ते में झलकारी बाई तिगेला में बबलू चौरसिया पुत्र अज्ञात ने गाड़ी रोक कर ₹600 की मांग की और कहा कि मिश्रा जी टीआई साहब ने रुपए मांगे हैं तुम्हारी गाड़ी का 2 माह का सुविधा शुल्क जमा होना है मना करने पर उसने कहा कि यदि रुपया नहीं दोगे तो तुम्हारा चालान कट जाएगा टीआई साहब आगे खड़े हैं ड्राइवर द्वारा रुपए ना देने पर बबलू चौरसिया नाम के व्यक्ति ने टीआई को सूचना कर बताया कि ड्राइवर रुपया देने को तैयार नहीं है और गाड़ी निकल चुकी है जो कुछ ही देर में आपके पास पहुंच जाएगी जैसे ही गाड़ी पुलिस लाइन पर गला के आगे पहुंची तो टीआई अरविंद कुमार मिश्रा ने गाड़ी रुकवा कर ड्राइवर हरिकिशन के साथ गाली गलौज कर कहा कि तुमने मेरे आदमी बबलू चौरसिया को रुपए देने से मना कर दिया आज के बाद रोड पर गाड़ी लेकर दिखाई ना पढ़ना और अकारण ही गाड़ी का पांच ₹5000 का चालान भी काट दिया।
बड़ा सवाल ये है कि आम जनता, वाहन स्वामियों और व्यापारियों को सताने वाले इन अधिकारियों पर लगाम कब कसेगी?