नगर पालिका की खाओ कमाओ नीति की वजह से करोड़ों का नाला बनाया जा रहा है घटिया मटेरियल से* *मानक को ताक पर रख किया जा रहा है नाला का निर्माण

नगर पालिका की खाओ कमाओ नीति की वजह से करोड़ों का नाला बनाया जा रहा है घटिया मटेरियल से*
*मानक को ताक पर रख किया जा रहा है नाला का निर्माण, घटिया सामग्री युक्त कर लगाया जा रहा सरकारी धन को ठिकाने* *नाला बनाते समय धराशाई किए जा रहे हैं कीमती पेड़*
*चंदेल राजाओं की धरोहर मथुरान तलैया को खत्म करने के लिए बनाया जा रहा है नगर पालिका के द्वारा करोड़ों रुपए का नाला*

 

*बुंदेलखंड के महोबा जिले में पेयजल संग्रहित करने के लिए महोबा के चारों तरफ तालाबों को चंदेल राजाओं द्वारा बनाया गया था ,जिससे कि महोबा का पानी का वाटर लेवल बना रहे, पर बदलते समय में इन्हीं तालाबों में अतिक्रमण होना प्रारंभ हो गया है, और तो और कई तालाब जमींदोज हो कर महोबा के क्षेत्रफल से दूर हो गए हैं*

*गौरतलब हो कि महोबा शहर के बीचोबीच कालांतर में मथुरान तलैया हुआ करती थी ,उस तालाब में लोग स्नान से लेकर कपड़े तक धोया करते थे ,जो मथुरान तलैया के नाम से आज भी आम जनमानस में विख्यात है ,और राजस्व अभिलेखों के साथ-साथ सिंचाई विभाग के अभिलेखों में आज भी अंकित है मथुरान तलैया आल्हा चौक से मात्र 100 फुट की दूरी पर है जिसको भू माफियाओं ने पूरी तरीके से जमींदोज करके आलीशान बिल्डिंग और भवन पूरे तालाब में बना दिए हैं ,तालाब की जमीन होने की वजह से दूरदराज का पानी कालांतर में इकट्ठा होता था और तालाब के रूप में यह मथुरान तलैया भर जाती थी , वही बदलते समय में इस तालाब के क्षेत्रफल के अंदर पक्के मकान बनाने वालों ने पानी का रास्ता अवरुद्ध कर डाला है ,और तो और नगर पालिका द्वारा पक्का नाला लगभग एक से सवा करोड़ की लागत से मथुरान तलैया के तट से पीडब्ल्यूडी तिराहा तक बनाया जा रहा है, जिससे कि मथुरान तलैया में पानी न जाकर सीधे नाले के द्वारा पानी निकल जाए और जलभराव खत्म हो जाए पर जो नाला करोड़ों रुपए की लागत से बनाया जा रहा है ,वह नाला एक तू अच्छे मटेरियल के द्वारा नहीं बनाया जा रहा है साथ ही कम गहराई पर बनाया जा रहा है, साथ ही नाला बनाते समय तमाम पेड़ नाला के बीच में पढ़ रहे हैं ,जिनको नगर पालिका के द्वारा बाकायदा जमींदोज किया जा रहा है ,और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, साथ ही मथुरान तलैया की जमीन को खत्म किया जा रहा है जिससे कि भूमाफिया बची कुची तालाब की जमीन पर आलीशान भवन निर्माण कर सकें इसलिए मथुरान तलैया के रास्ते को अवरुद्ध कर कम गहराई का नाला लगभग एक से सवा करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है , वही नगर पालिका की खाओ कमाओ नीति की वजह से करोड़ों का धन ठिकाने लगाया जा रहा है यह आम जनमानस में चर्चा का बाजार गर्म है*

*अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में जिला प्रशासन का हंटर नगर पालिका की खाऊ कमाऊ नीति पर चलता है या नहीं*

*बिहारीलाल गाडगे

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