आदरणीय मोदी जी महिला सुरक्षा का हाल एक नजर उत्तर प्रदेश मैं फिर हुए अधिकारी बेलगाम क्या कारण है डिप्रेशन या और कुछ सरकार के तमाम आदेश के बावजूद भी महिलाओं के प्रति व्यवहार में बदलाव क्यों नहीं
महिला आयोग को ध्यान देना होगा
आदरणीय मोदी जी महिला सुरक्षा का हाल एक नजर उत्तर प्रदेश मैं फिर हुए अधिकारी बेलगाम क्या कारण है डिप्रेशन या और कुछ सरकार के तमाम आदेश के बावजूद भी महिलाओं के प्रति व्यवहार में बदलाव क्यों नहीं
अधिकारी हुए बेलगाम उत्तर प्रदेश महिला का आरोप
सरकारी अधिकारी के द्वारा किया गया अभद्र व्यवहार निष्पक्ष पत्रकारिता के उद्देश्य से शुरुआत करने वाली जिला लखीमपुर की महिला पत्रकार चुनाव व्यवस्था को देखकर संबंधित अधिकारियों से जानकारी का आदान-प्रदान करना पड़ा भारी
त्रिस्तरीय चुनाव मतगणना की जानकारी लेने पहुंची महिला पत्रकार के साथ में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने की अभद्रता
प्राप्त जानकारी के अनुसार
पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी के गोला गोकरण नाथ मोहल्ला मुन्नू गंज की रहने वाली महिला पत्रकार मिनर्वा न्यूज 24*7 ब्यूरो / और परिधि समाचार की तहसील रिपोर्टर अंशिका सक्सेना पिता का नाम विमलेश सक्सेना का है
जो दिनांक 2.5.2021 दिन रविवार को कुंभी ब्लॉक के नवीन मंडी स्थल पर मतगणना के आंकड़े की जानकारी लेने पहुंची थी तो वहां पर मौजूद समाज कल्याण अधिकारी सुधांशू शेखर ने महिला पत्रकार से अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे और वहां पर मौजूद उप जिलधिकारी अखिलेश यादव जी ने भी महिला पत्रकार का निष्पक्ष सपोर्ट ना करते हुए चुपचाप बैठे हैं इस वजह से महिला पत्रकार को अत्याधिक मानसिक पीड़ा पहुंची है अब सोचने की बात यह है कि पीड़ित महिला पत्रकार ने सिर्फ त्रिस्तरीय चुनाव के आंकड़े को ही तो पूछा था कुछ गलत तो नहीं किया था जो आला अधिकारियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग कर डाला क्या उत्तर प्रदेश सरकार में पत्रकारों की यही अहमियत है आखिर क्यों उत्तर प्रदेश सरकार के दिए हुए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं अधिकारी जिस वजह से पीड़ित महिला पत्रकार ने न्याय के लिए लखीमपुर खीरी जिलाधिकारी को भी प्रार्थना पत्र दिया है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया अब देखना यह है कि इस पर प्रशासन और सरकार क्या निर्णय लेते हैं क्या ऐसे ही पत्रकारों के साथ खिलवाड़ होता रहेगा या उनको न्याय भी मिलेगा वहीं दूसरी तरफ संबंधित जिले का प्रशासन काफी मेहनत करते हुए जोड़-तोड़ के बावजूद भी कमी रह जाती है अक्सर देखने में आता है मीडिया को नियम का पाठ पढ़ाने से भी नहीं चूकते कुछ अधिकारी और कर्मचारी गलती बता लगने पर दंडित करने की बजाय समझौता के तौर पर माफी का दौर चलन में आ गया है समझौता ना होने पर संपादक को धमकी और अन्य प्रयास जो अनैतिक होते हैं अलीगढ़ संपादक के द्वारा कवरेज ना करने की हिदायत दी पत्रकार समझौता नहीं करा तो मुकदमा लगा कर जेल भेज दिया कुछ जिले के पत्रकार संबंध की दुहाई देते नजर आए तो कुछ साक्ष
मौजूद न होने की बात करते नजर आए इस मामले पर कई जिम्मेदार लोगों से वार्तालाप की गई वार्तालाप के दौरान गैर जिम्मेदार तरीके से अपना परिचय देते हुए आम नागरिक की जिम्मेदारी से कोसों दूर संबंधों को बढ़ावा दिया गया हमारा देश एक तरफ एक कदम आगे बढ़ता है तो वहीं इस प्रकार की व्यवस्थाओं की वजह से दो कदम पीछे जाता है महिला पत्रकार का विशेष निवेदन है कि राष्ट्रहित और जनहित में संवैधानिक तरीके से जीवन भर सत्य के मार्ग पर चलना उनका मकसद है जो कभी टूट नहीं सकता पत्रकारिता के मूल सिद्धांत से समझौता नहीं करेंगे उचित न्याय करने का प्रयास जारी रहेगा और कहीं भी जांच में अगर वह दोषी पाई जाती हैं तो उनके खिलाफ तत्काल विधिक कार्रवाई की जाए