उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में कोरोना से भयभीत संक्रमित लोग कोरोना टेस्ट के डर से नहीं जा रहे शहरी चिकित्सालयों में-ग्रामीण अंचलों में भीषण संक्रमण के संकेत-यदि जांच टीम भेज कर जांच करवाई जाए तो चौकाने वाला सच खुलकर सामने आ सकता है
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में कोरोना से भयभीत संक्रमित लोग कोरोना टेस्ट के डर से नहीं जा रहे शहरी चिकित्सालयों में-ग्रामीण अंचलों में भीषण संक्रमण के संकेत-यदि जांच टीम भेज कर जांच करवाई जाए तो चौकाने वाला सच खुलकर सामने आ सकता है
लक्ष्मी कान्त सोनी नेटवर्क टाइम्स
उत्तर प्रदेश/एक ओर जहाँ समूचे देश मे कोरोना को लेकर सरकार व जिम्मेदार अफसर सक्रिय बने हुए हैं।
और संक्रमण रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ देश के ग्रामीण अंचलों में लोग कोरोना संक्रमण को लेकर जरा भी सक्रिय नहीं हैं लोग न तो मास्क का प्रयोग कर रहे हैं न ही किसी नियम का पालन कर रहे हैं ।
और सबसे बड़ी चिंतनीय बात तो यह है ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीज खुलेआम घूम रहे हैं जो निरंतर देश के लिए खतरा बढ़ाते देखे जा रहे हैं ये लोग कोरोना से भयभीत होकर जांच करवाने के लिए चिकित्सालय न जाकर गांव में ही अपना इलाज करवाते हैं।व बिना किसी नियम के खुलेआम बिना मास्क के घूम रहे हैं ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है उत्तर प्रदेश के महोबा हमीरपुर बांदा जालौन सहित तमाम जिलों में जहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों के संक्रमित लोग कोरोना जांच से भयभीत होने के चलते इलाज के लिए शहरी चिकित्सालय नहीं जा रहे है व बिना मास्क व बिना शोशल डिस्टेंसन के खुलेआम ग्रामीण क्षेत्रों में लोग घूमते नजर आ रहे हैं यदि सरकार व जिम्मेदार अफसरों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की कोरोना जांच करवाई जाए तो भारी संख्या में कोरोना पीड़ित खुलकर सामने आ जाएंगे ।
आज ग्रामीण लोग कोरोना संक्रमण को लेकर जरा भी सतर्क नहीं हैं इस तरह उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में कोरोना संक्रमित लोगों की कमी नहीं किन्तु निष्क्रिय अफसर व जिम्मेदार सरकार इस दशा में ध्यान नहीं दे रहे हैं।
यदि ग्रामीण अंचलों में फैले संक्रमण को लेकर जिम्मेदार अफसर व सरकार सक्रिय नहीं हुई तो देश की हालत क्या होगी सोचकर रोंगटे खड़े होते हैं।