————————— पद रज दीजे मेरी माता, तुम से गहरा नाता
सार छंद
आधारित भक्ति गीत
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पद रज दीजे मेरी माता,
तुम से गहरा नाता।
निसदिन गाके गीत तुम्हारे ,
कृपा तेरी पाता।।
हाथ कमंडल जप की माला,
माँ का रूप सुहाना।
ब्रह्म चारिणी उर में आओ,
तुम्हें सहारा माना।।
ब्रह्म ज्ञान उर में भर दो माँ,
गाथा तेरी गाता।
पद रज दीजे—-
जो भी मनसे पूजा करके,
माता तुम्हें बुलाए।
आकर तू ही माता मेरी,
सुख की नींद सुलाए।।
राह सत्य की चलूं हमेशा,
ज्ञान उजाला छाता।
पद रज दीजे—–
प्रभुपग देखें कण कण तुमको,
अब मत खेल खिलाना।
पास पास आ पास रहो माँ,
अब मत दूर भगाना।।
इक पल का भी चैन नहीं है,
दर्शन को उकलाता।
पद रज दीजे—-
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश