मूरख कर में डोर हिन्द की, सुरा देश बिकवाता है। विद्या मंदिर बंद पड़े हैं, सुरा देश रचवाता है।।
ताटंक छन्द
आधारित गीत
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मूरख कर में डोर हिन्द की,
सुरा देश बिकवाता है।
विद्या मंदिर बंद पड़े हैं,
सुरा देश रचवाता है।।
1-
युवा देश के मद में सोते,
साहब मौज उड़ाते हैं।
लूट रहे हैं देश हमारा,
उल्टा पाठ पढ़ाते हैं।।
सुरा बेंचते वैध बताके,
मूरख राज चलाता है।
मूरख कर में—
2-
सुरा बेंचके देश पालते,
प्यारा देश मिटाते हैं।
देव भूमि में सुरा बेंच के,
दानव देश बनाते हैं।।
नैतिक शिक्षा देश नशा के,
मूरख देश बनाता है।
मूरख कर में-
3-
हा हा कारी मची देश में,
अत्याचारी जारी है।
कोरोना को चले मिटाने,
मच्छर फैले भारी हैं।
प्रभुपग नैनन नीर बहाते,
समझ नहीं कुछ आता है।
मूरख कर में—
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश