महोबा के सुगिरा गांव में कई वर्ष बीतने के वावजूद भी निष्क्रिय पुलिस चोरी की घटनाओं का खुलाशा करने में नाकाम-पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में-
महोबा के सुगिरा गांव में कई वर्ष बीतने के वावजूद भी निष्क्रिय पुलिस चोरी की घटनाओं का खुलाशा करने में नाकाम-पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में-
श्री जुगल किशोर जु मूर्ति कांड 21 वर्ष -अनवूझी पहेली
पुष्पेंद्र यादव शिक्षक चोरी कांड-01 वर्ष -अनवूझी पहेली
गनेशी गुप्ता चोरी कांड 01 वर्ष अनवूझी पहेली
नेटवर्क टाइम्स
महोबा/उत्तर प्रदेश में पुलिस की निष्क्रियता अब किसी से छुपी नहीं रही अनेकों वर्ष बीतने के वावजूद भी उत्तर प्रदेश की निष्क्रिय पुलिस चोरी जैसी वारदातों को खोलने में नाकाम बनी हुई है ।जिसके चलते लोग चोरी जैसी वारदात का धक्का खा कर भी थक हार कर बैठ गए हैं किंतु उत्तर प्रदेश की पुलिस फिर भी वेशर्मी की का घूंघट ओढ़े नजर आ रही है ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के कुलपहाड़ थाना क्षेत्र के सुगिरा गांव में जहाँ तीन चोरियों की घटनाएँ ऐसी हैं जिनमें वर्षों बीतने के वावजूद भी पुलिस अनावरण नहीं कर सकी जो पुलिस की निष्क्रियता की पुष्टि कर रहीं हैं आपको बता दें कि महोबा जनपद के सुगिरा गांव में करीब एके वर्ष पूर्व गनेशी गुप्ता के घर अज्ञात चोरों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया था व लाखों की संपत्ति पर हाथ साफ कर दिया था जिसकी सूचना पीड़ित गनेशी गुप्ता ने कुलपहाड़ थाने में दी थी किन्तु निष्क्रिय पुलिस एक वर्ष बीतने के वावजूद भी इस घटना का अनावरण नहीं कर सकी इसी तरह दूसरी चोरी की घटना इसी समय अवधि के दौरान पुष्पेंद्र सिंह शिक्षक पुत्र जगत सिंह के घर पर घटित हुई जिसमें अज्ञात चोरों ने वहुमूल्य आभूषण सहित लाखों की संम्पत्ति पर हाथ साफ कर दिया था किन्तु वेशर्म निष्क्रिय पुलिस इस घटना का भी खुलाशा भी एक वर्ष बीतने के वावजूद भी नहीं कर सकी ।जो पुलिस की निष्क्रियता सावित करने में पर्याप्त हैं।
इसी तरह सुगिरा गांव में लगभग 21 वर्ष पूर्व श्री जुगल किशोर जु मंदिर से प्राचीन करोड़ों कीं मूर्तियाँ अज्ञात चोरों द्वारा चोरी कर लीं गयीं थी किन्तु वेशर्म निष्क्रिय पुलिस इस घटना का खुलाशा 21 वर्ष बीतने के वावजूद भी आज तक नहीं कर सकी जो पुलिस की निष्क्रियता की पुष्टि कर रहीं हैं।
गांव वासियों में चोरों व पुलिस की मिली भगत की चर्चाएँ चोरों पर हैं।
लोगों में गोपनीय रूप से चल रही चर्चाएँ में लोगों का कहना है कि इन चोरी की घटना में पुलिस के जिम्मेदार अफसर व चोर मिले हुए हैं जिन्होंने चोरी के माल को आपस में मिलकर वन्दर बांट कर लिया है।
तो बात में सच्चाई भी दिखाई दे रही है यदि ऐसा नहीं है तो 21 वर्ष बीतने के वावजूद भी आज तक ये चोरी की घटना क्यों नहीं खुल सकी फिलहाल कुछ भी हो एक वर्ष बीतने के वावजूद भी पुष्पेंद्र यादव शिक्षक व गनेशी गुप्ता चोरी कांड न खुलने के चलते पीड़ित थकहार कर बैठ चुके हैं।
अब देखना यह है आखिर निष्क्रिय पुलिस इन घटनाओं का खुलाशा कर पाती हैं या फिर ऐसे ही लोग दहसत में जीते रहेंगे।
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https://www.swatantraprabhat.com/the-teachers-house-calls-for-the-thieves-at-night/
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