ये कर्मों के फल हैं, आज नहीं तो कल हैं।

सारस छंद
24 मात्रा मापनी
युक्त मात्रिक
मापनी-
2112 2112,
2112 2112
———————-
1-
ये कर्मों के फल हैं,
आज नहीं तो कल हैं।
मैं कहता जो सच है,
ये दुख के जो पल हैं।।
ईश्वर देखें सबको,
राघव मारे खल हैं।
चंचल देते सुख हैं,
शीतल वे ही जल हैं।।
2-
भूल गया क्यों हरि को,
पाप गली में चल के।
शूल पड़े हैं मग में,
पैर धसे हैं खल के।।
राम बसे हैं तन में,
भूल गए हैं छल में।
राम मिलें जो हमको,
काज बनेंगे पल में।।
————————
प्रभु पग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *