अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों के शैक्षणिक सशक्तिकरण हेतु भोपाल, मध्य प्रदेश में 1050 सीटों के छात्रावास की स्वीकृति
अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों के शैक्षणिक सशक्तिकरण हेतु भोपाल, मध्य प्रदेश में 1050 सीटों के छात्रावास की स्वीकृति
सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित विद्यार्थियों के लिए ताकि, उन्हें माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाए जाने हेतु, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की छात्रावास निर्माण की योजना है। इस योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु 3.50 लाख रुपये प्रति सीट, हिमालय क्षेत्र हेतु 3.25 लाख रुपये तथा देश के शेष भाग हेतु 3.00 लाख रुपे प्रति सीट का प्रावधान है और इस योजनांतर्गत निर्मित छात्रावास हेतु फर्नीचर/उपस्कर हेतु प्रति सीट 2500 रुपये का एक बार अनावर्ती अनुदान का भी प्रावधान है।
भारत सरकार की अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों तथा छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण की केंद्र प्रायोजित योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2021 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (ISSER), भोपाल के लिए 1050 सीट के बालक छात्रावास निर्माण की स्वीकृति सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा की गई है जिसकी कुल लागत 44.72 करोड़ रुपये है। इसमें केंद्रांश की राशि 28.35 करोड़ रुपये है। भारत सरकार द्वारा प्रथम किश्त की राशि 14.18 करोड़ रुपये में से 6.13 करोड़ रुपये संस्थान को प्रदान किए गए हैं। इसी प्रकार 2017 में स्वीकृत जबलपुर में निर्माणाधीन 500 सीट बालिका छात्रावास के लिए दूसरी किश्त की राशि 607.50 लाख जारी की गई है।
अन्य पिछड़े वर्गों के छात्रों और छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण की केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना को अन्य पिछड़े वर्गों में शैक्षणिक पिछड़ेपन की समस्या से निपटने के लिए 1998-99 से कार्यवान्वित किया जा रहा है। सामान्यत: ग्रामीण क्षेत्रों से विशेष रुप से कमजोर वर्गों से संबंधित विद्यार्थी निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्यमिक विद्यालय और महाविद्यालय की कमी के कारण तथा उचित लागत पर छात्रावास की पर्याप्त सुविधा शैक्षणिक संस्थानों में उपलब्ध न होने के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं। इसलिए इस योजना को अन्य पिछड़े वर्गों के विशेष रूप से ग्रामीण तथा दूर-दराज के क्षेत्रों तथा गरीब परिवारों से आने वाले विद्यार्थियों द्वारा शिक्षा को जारी रखने के लिए सुगम बनाने की दृष्टि से आरंभ किया गया है।