कलेक्टर: आपके अख़बार में काबिले-एतराज़ बातें छपती हैं।
Adv. Ashok Saxena:
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कलेक्टर: आपके अख़बार में काबिले-एतराज़ बातें छपती हैं।
माखनलाल: काबिले-एतराज़ बातें छापने के लिए ही हमने अख़बार निकाला है।
कलेक्टर: आप सरकार की आलोचना करते हैं।
माखनलाल: सरकार की आलोचना करने के लिए ही हमने अख़बार निकाला है।
कलेक्टर: मैं आपका अख़बार बंद करवा सकता हूँ।
माखनलाल: हमने यह मानकर ही अख़बार निकाला है कि आप इसे बंद करवा सकते हैं।
कलेक्टर: मैं आपको जेल में डाल सकता हूँ।
माखनलाल: हम यही मानकर यह सब करते हैं कि आप हमें जेल में डाल सकते हैं।
कलेक्टर हँसा और बोला: Look here, I am not English, I am Irish, but I am an employee of these bastards, Englishmen. I will have to take some action to show them. So be cautious.
*(देखो, मैं अंग्रेज़ नहीं हूँ, मैं आयरिश हूँ, लेकिन मैं इन घटिया अंग्रेज़ों का कर्मचारी हूँ. उन्हें दिखाने के लिए मुझे कुछ-न-कुछ कार्रवाई करनी पड़ेगी. इसलिए सतर्क रहो.)*
ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक, निर्भीक पत्रकार, जेल जाने वाले प्रथम सत्याग्रहियों में से एक “श्री माखनलाल चतुर्वेदी” को उनके जन्मदिवस पर सादर नमन।
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आप भी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी जी की उसी परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं,
आपको सादर अभिवादन 🙏🙏🙏🙏
पत्रकार स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रेषित नीरज जैन