कोरोना का कहर और हमारी जिम्मेदारी-
विचार
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कोरोना का कहर और हमारी जिम्मेदारी-
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कोरोना के बढ़ते कहर ने पूरे विश्वस्तर पर
जनमानस को झकझोर कर रख दिया, एक
वायरस पूरी दुनिया पर भारी पड़ रहा हैं, हर
तरफ व्याकुलता नजर आ रहीं है, सुबह से
लेकर रात तक एक ही चर्चा और चिंतन हैं,
टी.वी में, अखबारों में,मरीजों के आंकड़े को
जानने के लिए सभी उत्सुक नजर आते हैं।
फिर रूह कांप जाता हैं दर्द की हुंकार सुन
कर और देखकर मन में प्रश्न उठता हैं अब
क्या होगा? कैसे होगा? डर और दहशत में
ही पूरा समय निकल जाता हैं इसके आगे
हर पर्व और उत्सव फीकी पड़ गई हैं। विगत
एक वर्षो से हम सभी इस दंश को झेल रहे
हैं। शिक्षण संस्थाये बंद हैं, जिससे बच्चों का
भविष्य दांव पर लगा है, ऑनलाइन पढ़ाई
से उनकी मानसिकता बोझिल होती जा रही
हैं। ये वायरस हर लम्हा मौत का तांडव कर
रही हैं, कहीं लाचारी, बेबसी तो कोई हैरान
हैं, आर्थिक समस्या तो हैं, मानसिक तनाव
से कई बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं जैसे-
किसी को पता चला उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव
आया हैं तो कई लोगो का बी.पी. शुगर बढ़
जा रहा हैं, और कई लोग जो सदमे से बाहर
नहीं आ पा रहे है उन्हें हार्टअटैक हो जा रहा
हैं,जिसमें कई युवावर्ग भी सम्मिलित है एक
वर्षो से इसके मरीज अधिक बढ़ गये हैं कई
लोग अपनी मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
ऐसे लग रहा है जैसे-हवा में जहर घुल गई हैं,
लाकडॉउन से भूखमरी औऱ बेरोजगारी की
समस्या से अभी भी लोग निकल नही पाये
हैं,विगत वर्षों से संख्या लगातार बढ़ रही हैं
और आज हम फिर उसी स्थिति में आकर
खड़े हो गये हैं । ये कोरोना रूपी राक्षसी बाहें
फैलाये खड़ी है, शासन-प्रशासन जनप्रतिनिधि
कोरोना वारियर्स लगातार प्रयास कर करे हैं, सुरक्षा के उपायों की जानकारी दे रहे हैं। शासन
के गाइडलाइन के पालन के लिये प्रेरित कर रहे
हैं जैसे-दो गज की दूरी बनाये रखे, भीड़ वाली जगह में न जाये, मास्क का हमेशा प्रयोग करें, सेनेटाइजर से हाथ धोये, जिसमे सभी की भलाई छुपी हैं। पर देखने में आता हैं कई लोग
अभी भी बिंदास घूम रहे है सड़को पर बिना
मास्क लगाये, नियमों की अवहेलना करने से
बाज नहीं आते, ऐसे लोग उस मंजर से शायद
अनजान है जो देखें हैं अपनों को एक पल की
सांस के लिए तड़पते हुए, मौत के करीब
पहुंचकर जिंदगी के लिये भीख मांगते हुये, कब्रिस्तान में शव को दफ़नाने के लिए जगह
ढूंढते हुए, जो सो गये मौत की गोद मे कोरोना
से उनकी एक झलक पाने के लिये गिड़गिड़ाते
हुये, जिसने अपनो को खोया है उसे पता है कितनी भयावह होता हैं वह दृश्य कांप जाता हैं
दिल, अब भी अगर न समझें तो सर्वनाश के कगार पर पहुँचने में देर न लगेगा सिर्फ बंजर
भूमि होगी, और चारों तरफ वीरानगी, जरा सोचिये अनगिनत लोग इससे प्रभावित हुये हैं
और आप अब भी सुरक्षित हैं,क्यों?शायद आप
कभी ध्यान नही दिये मैं आपका ध्यानाकर्षण
करना चाहूंगी-कुदरत ने इस धरती पर तुम्हें अपना दूत बनाया है, ताकि आप मानव रूपी
मसीहा बनकर मुसीबत से घिरे लोगो की अब
सहायता करें, उन्हें जागरूक करें, लापरवाही करने से रोके, सुरक्षा के उपाय बताये, दिन-दुखी, गरीब, असहाय की सेवा करें, तो फिर आप क्या सोच रहे हैं ! हो जाये तैयार अपनी
ज़िम्मेदारी का निर्वहन करने के लिये, मुश्किलो के इस दौर में मिलकर रहे, मन को मजबूत करें
घबराये नहीं, धैर्य से काम ले ,आपके साथ कई
रिश्ते जुड़े है, समाज परिवार देश सभी एक परिवार है वसुदेव कुटुम्बकम के भाव को अपनाये और सर्वे भवन्तु सुखिनः को ध्यान
रखें, गर्दिश के इस दौर में हम भी अपनी सक्रीय मानसिकता का परिचय दे, ईश्वर को
धन्यवाद की- हमें बहुतबड़ी ज़िम्मेदारी देकर इसे निभाने के लिये अवसर प्रदान किये—- कोरोना वैक्सीन अवश्य लगावे, साथ ही विशेषज्ञों द्वारा बताये बातों को अमल में लाये, अपनी इम्युनिटी पावर बढ़ाये,योगा व व्यायाम करें, घर में बने ताजा भोजन ही करें, दूध, दही, लस्सी का प्रयोग करें फ़्रीज का पानी न पीयें, मैदा की बनी चीजें न खायें, घर की दहलीज को तभी पार करें जब एकदम ही आवश्यक हो अगर जिंदगी रहेगी तो हम अपनी हर ख्वाहिशों को कभी न कभी पूरे कर ही लेंगे। अपनी की और खुद की सुरक्षा के साथ सर्व हिताये का मंत्र दोहराये और कोरोना को हराये विपरीत समय है किसी से बैर न करें, स्वार्थ द्वेष का भाव भूलकर शांत रहे, और कर्म की दिशा में निरंतर अग्रसर हो जाये,मिलेगी मंजिल एक दिन महामारी मुक्त हो देश येअपना आओ हम सभी ये लड़ाई मिलकर लड़े।
“कोरोना हैं बहुत असरकारी
चारों तरफ हैं ये कहर जारी
मत करो अब तो लापरवाही
निर्वहन करो अपनी जिम्मेदारी
मास्क लगाना, दो गज की दूरी
सभी के लिये है बहुत जरूरी “।।
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प्रेषक,
लेखिका
सरोज कंसारी
नवापारा राजिम
जिला-रायपुर(छ.ग.)
टीप- उपरोक्त विचार मौलिक तथा अप्रकाशित हैं-