टपक रहे मोतीं से आँसू। फाँसी लालन झूल रहे।
🥀राष्ट्रीय गीत🥀
विषय-
शहीद –
(भगत सिंह ,राज गुरु ,सुख सिंह,)
(16-14)
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टपक रहे मोतीं से आँसू।
फाँसी लालन झूल रहे।
हाल बुरा है दिल का यारो,
तनमन की सुध भूल रहे।।
टपक रहे—
जंग लड़ी थी आजादी की,
तन में भरी जवानी है।
छक्के छुड़ा दिए वैरी के,
जिनकी अमर कहानी है।।
याद करूँ अबतो वीरों की,
रण में जिसने शूल सहे।
टपक रहे—–
धन्य धन्य भारत के लालन,
कफ़न मौत का पहने थे।
झूल गए हँसके फांसी पर,
हीरे जैसे गहने थे।।
साहस सागर भरा हृदय में,
भारत माँ की धूल गहे।
टपक रहे—
भगत सिंह जी देश भक्त थे,
जान देश पर लुटा गए।
अमर वीर सुख देव सिंह थे,
मान हिन्द का बढ़ा दिए।
राज गुरु भी झूल गए संग,
लोचन आँसू नहीं बहे।
टपक रहे—-
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश