दुनिया निशस्त्रीकरण की ओर बढ़े – अजीत सिन्हा
दुनिया निशस्त्रीकरण की ओर बढ़े – अजीत सिन्हा
वैश्विक शस्त्रीकरण पशुत्व की निशानी है और युद्ध से शांति का विस्तार नहीं हो सकता है इसलिये दुनिया के सभी देश निशस्त्रीकरण की ओर बढ़ें, ऐसी अभिव्यक्ति प्रस्तावित नेताजी सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सह प्रवक्ता अजीत सिन्हा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्र प्रहरी पत्रकारों के समक्ष प्रकट की।
उन्होंने कहा कि परमाणु, अणु बम शांति का पर्याय नहीं है और यह मानवता के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि युद्ध कभी भी शांति नहीं ला सकती है और खासकर प्रजातंत्र में इसकी कोई जरूरत नहीं लेकिन राजतंत्र में अपनी शक्ति के प्रदर्शन के लिए एवं लोगों पर राज करने के लिए इसकी जरूरत पड़ती थी।
आगे अजीत सिन्हा ने कहा कि विश्व विगत सालों में दो विश्वयुद्ध झेल चुका है और किसको क्या मिला? यह किसी से छुपा नहीं है और पौराणिक काल में महाभारत की महायुद्ध से भारत सहित विश्व को क्या हासिल हुआ? यह सर्व विदित है हालांकि अन्याय पर न्याय की जीत हेतु कभी – कभी युद्ध करनी पड़ती है और आसुरी शक्तियां युद्ध की भाषा ही समझती हैं लेकिन युद्ध विष के समान है जिससे मानवीय जगत पीड़ित महसूस करती हैं और युद्ध के बाद आकलन से लाभ से ज्यादा लोगों को ज्यादा हानि ही प्राप्त होती है लेकिन न जाने सभ्य समाज क्यों हथियारों का जखीरा जमा कर रहे हैं और दुनिया अटॉमिक बम की शक्ति पर अपने को बड़ा सिद्ध करने पर तुली हुई हैं जबकि इसका परिणाम तबाही के रूप में सभी जानते हैं।
मेरी समझ से युद्ध की विभीषिका से दुनिया को मानवता की रक्षा के लिए “धर्मज्ञान” के प्रकाश से प्रकाशित होना होगा जिससे सभी को यह बात अच्छी तरह से समझ में आएगी कि शांति में ही सब कुछ निहित है और शांति से ही किसी भी विकट समस्या को हल की जा सकती है और मुझे यह जानकर बेहद दुःख महसूस होती है कि आज युद्ध का स्वरुप भी बदल गया है और अटॉमिक बम के साथ जैविक हथियारों का प्रयोग किया जाने लगा है और मानवता अपनी मानव की स्वयं दुश्मन हो गई है और चीन जैसे देश वायरस से हमला कर मानवीय सभ्यता को समाप्त करना चाहते हैं जो कि बिलकुल गलत है और उनका यह अपराध अक्षम्य है और इसके लिए मानवीय सभ्यता उन्हें कभी भी माफ़ नहीं कर सकती हैं।
अंत में उन्होंने कहा कि इस वसुधा को बचाने के लिए एवं पूरे विश्व के बुद्धिजीवी को मानवीय सभ्यता को बचाने के लिए आगे आना होगा और सभी देशों के प्रथम नागरिक को एक मंच पर बैठकर निशस्त्रीकरण हेतु आगे कदम बढ़ाने होंगे क्योंकि युद्ध किसी भी समस्या का अंतिम समाधान नहीं है। वंदे मातरम्, जय हिंद
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