दोहा-
दोहा-
शब्द-
1) माँ
माँ की पूजा आज कर,
माँ ही मेरी जान।
माँ को ईश्वर मान लो,
माँ ही तेरी शान।।
2) पालन
आँगन राघव खेलते,
देखें माता नैन।
पालन माता जी करें,
रघुवर दिल में चैन।।
3) भोजन
भोजन करते प्रेम से,
शीतल पानी साथ।
खाना खाते राम घर,
धरते हैं सिर हाथ।।
4) राजा
प्यारे राजा राम जी,
आके कीजे काज।
मेरे दिलमें आप हैं,
सुनलो प्यारे आज।।
5)पूजा
थाली पूजा की सजा,
आया तेरे द्वार।
आके मेरे दुख हरो,
कीजे राघव प्यार।।
6) पीर
पीर हरो जगदीश जी,
तनमें पीर अपार।
धीर धरत दिल में हरी,
लीजे आज समार।
7) आनंद
मेरे मन आनंद है,
आए प्यारे राम।
आकर बैठो राम जी,
पूरे करना काम।।
8) नयन
नयन नीर की धार है,
दिल मेरा बेचैन।
आओ मेरे श्याम जी,
लेकर सँग में चैन।
9) अधिकार
मेरा भी अधिकार है,
कर में लूँ तलवार।
घायल पापी को करूँ,
हर लूँ भू का भार।।
10)बावरी
मीरा देखो बावरी,
दिल सें अधिक उदास।
देखे राहें श्याम कीं,
लगतीं बहुत हतास।।
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश