खोलो आज द्वार तुम माता, मेरे मनको भाता।

🥀सार छंद🥀
1-
खोलो आज द्वार तुम माता,
मेरे मनको भाता।
भजन तुम्हारे सब मिल गाते,
जोड़ो सुत से नाता।।
झालर शंख बजें सुखदाई,
थाली पूजा लाता।
माँ के दर पर नाच रहा हूँ,
गीत सुहाने गाता।।
2-
मेरी माँ है भोली भाली,
सारी दुनिया पाली।
काली तूँ ही वाणी तूँ ही,
तेरे बिन सब खाली।।
सीता माता शीश झुकाता,
लहराती जग डाली।
प्रभुपग बोलो जय माता दी,
जीतूँ हारी पाली।।
💥🌼💥🌼💥🌼💥
🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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