सजाओ हमारे घरों को प्रभो, उजाले बिखेरो पधारों प्रभो,

शक्ति छंद
122 122 122 12
18 मात्रा
नेह निमंत्रण

सजाओ हमारे घरों को प्रभो,
उजाले बिखेरो पधारों प्रभो,
लुटा दी जवानी उबारो प्रभो,
बनी हूँ दिवानी पुकारो प्रभो।

सुना दो वहीं तान मीठी मुझे,
सहारा बनो आप तारों मुझे,
सुहाने बड़े नैन देखो मुझे,
तिहारी हुई नील चाहो मुझे।

कहानी हमारी बनानी सखे,
बिछे राह काँटे आओ सखे,
अँधेरा मिटाओ घनेरा सखे,
दिलों के नजारे सजाओ सखे।

नीलम व्यास’ स्वयमसिद्धा’

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