लालच सत्य लघु कथा
🥀लालच सत्य लघु कथा🥀
#महोबा चर्चित
इन्द्रकांत त्रिपाठी हत्या कांड
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हिंदुस्तान के उत्तर प्रदेश में एक मशहूर शहर है जो आज समूचे विश्व में वीर भूमि के नाम से जाना जाता है ।
शहर में चारों तरफ गरीबी तंग हाली बेरोजगारी की आग इस तरह सुलग रही थी की लोगों को तरह तरह के आपराधिक कार्यों में संलिप्त होकर जीविका अर्जित करके दो वक्त की रोटी जुटाना पढ़ रही थी।
तो वहीं जिम्मेदार अफसर भी लोगों की इस मजबूरी का फायदा उठाने लगे और चंद पैसों के लालच में अबैध खनन सहित तमाम अबैध कारोवारों को बढ़ावा देने लगे ।और अपराधी जहाँ देश की संपत्ति को लूट रहे थे तो जिम्मेदार अफसर इनअबैध कारोबारियों पर दवाव बना कर इनसे मोटी रकम हर महीने वसूलने लगे कुछ दिनों ऐसा ही चलता रहा इन्ही पत्थर व्यवसायियों में एक इंद्र कान्त त्रिपाठी नाम का युवक भी पत्थर व्यवसाय में संलिप्त था जो पुलिस की मिली भगत से
अबैध खनन को मनमाने ढंग से अंजाम दे रहा है सब कुछ ठीक चल रहा था पुलिस अधीक्षक को अपने सह कर्मियों के माध्यम से प्रति माह 5 लाख रुपये की रकम समय से पहुँच जाती और खनन कार्य भी वेखौफ़ जारी रहता लेकिन समय का चक्र ऐसा पलटा की खनन व्यवसायी को खनन कार्य से इतना मुनाफा नहीं हो पा रहा था कि वो अब पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटी दार की इच्छा पूर्ण कर सके बस इसी चिंता में उदास इंद्र कान्त त्रिपाठी परेशान शोक से ओत प्रोत पहाड़ पर एक कोने में बैठ कर मन ही मन सोचने लगे क्या करूँ क्या न करूँ पुलिस को हर महीने इतना रुपया कहाँ दूँ वार वार उसके दिमाग में यही गूंज रहा था तभी उसके पास उसके दोस्त श्याम कुँवर(काल्पनिक)
का फोन आया और उसने कहा कहो मित्र आपके क्या हाल हैं काम काज कैसा चल रहा है ।
तो उसने सिर पर हाथ रखते हुए कहा कुछ मत पूछो पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटी दार मुझे बहुत तंग किए है 5 लाख रुपए की माँग कर रहा है अब बताओ पिछले महीने ही तो साहब को सुविधा शुल्क दी थी अब बताओ क्या इन्हें घर मकान बेंचकर रिश्वत दें तो दोस्त ने सांत्वना देते हुए कहा की सब ठीक हो जाएगा धैर्य रखो और जय श्री कृष्णा कह कर फोन काट दिया ।
जैसे ही फोन काटा की उसके फोन की घंटी फिर बजने लगी और वो फोन था रमेश चंद्र दरोगा का उसने फोन उठाया और कुछ कह पाता की दरोगा ने तीखे शब्दों में कहा की तुम जल्दी से जल्दी पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटी दार जी से मिल लो और उनका सुविधा शुल्क सीधे से पहुंचा दो बरना ठीक नहीं होगा तभी परेशान इन्द्रकांत त्रिपाठी ने एक वीडियो में सारी समस्या बोलते हुए शोशल मीडिया पर वायरल की जिसमें उसने सीधे तौर पर उसकी हत्या होने पर पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटी दार को दोषी होने की बात कही व उसने वीडियो में यह भी कहा यदि उसकी हत्या होती है तो आत्म हत्या प्रतीत होगी उसे ऐसी धमकी पुलिस अधीक्षक ने दी है ।
फिर क्या दूसरे दिन ही तमंचे से गोलीं लगने से संदिग्ध परिस्थति में उसकी मौत हो जाती है जिसमें पुलिस अधीक्षक मणि लाल पाटीदार महोबा पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाता है जिसकी भनक लगते ही पुलिस अधीक्षक फरार हो जाता हैं ।
इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है की कभी भी जिम्मेदार अफसर जो देश से गद्दारी नहीं करनी चाहिए व लालच में आकर देश की संपत्ति नहीं बेंचना चाहिए व लोगों को अबैध कार्य चंद पैसों के लिए नहीं करने चाहिए आज चंद पैसों के लालच ने जहाँ इन्द्रकांत त्रिपाठी की जान ले ली है वहीं भ्रष्ट पुलिस अधीक्षक को कानून के घने जंगल में भटका दिया है।
इस तरह लालच को सदा को त्याग देना चाहिए।