रघुवर मेरे,हम जन तेरे, सब दुख हर कर,सुखमय कीजे

🥀मकरन्द छंद🥀
(111122,111122,
11111111,111122)
विषय-
रघुवर महिमा
1-
रघुवर मेरे,हम जन तेरे,
सब दुख हर कर,सुखमय कीजे।
तन मन मेरा,सब कुछ तेरा,
रघुवर सुख कर,पद रज दीजे।।
शरण तुम्हारी,अरज हमारी,
प्रभुवर दुख हर,अब सुध लीजे।
रघुवर बोलें,तन मन डोलें,
बिष मय सरवर,हर हर पीजे।।
2-
हरि गुण गाओ,भव तर जाओ,
रघुवर भजकर ,पद रज पाओ।
हनुमत प्यारे,रघुवर न्यारे,
दुख हर जन जन,कपिवर आओ।।
खल दल आके,हनुमत मारें,
रघुवर भजकर,कपि बल लाओ।
अब मन मेरा हरि गुण गाए,
सुनकर हरि गुण,कपि हरसाओ।।
3-
प्रभुपग धूली,अब जन भूली,
भटकत दर दर,जन जन देखो।
अति मजवूरी,प्रभुवर दूरी,
कण कण लख कर,तन मन लेखो।।
रघुवर प्यारे,कण कण खेलें,
सुर नर मुनि जन,भटकत न्यारे।
प्रभुपग धूली,कब मिल जाए,
तरसत हम जन,रघुवर प्यारे।।
💥🌼💥🌼💥🌼💥🌼
🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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