मतलब की इस दुनियाँ के जब रंग देखे मैने हजार

*मतलब*
***************

मतलब की इस दुनियाँ के
जब रंग देखे मैने हजार ।
सर थाम के बैठा तब से
और रोया में जार जार।

 

मतलब के सब संगी साथी
दुःख में वो भागे हैं दूर।
एक वही तो टिका रहा
प्यार किया जिसने भरपूर ।

 

प्यार भी बिकता है बाजार में
यहॉं जितने दे दो दाम ।
छुरी बगल में रखते हैं वो
और मुँह से बोलें राम राम ।

 

मतलब के हो गए रिश्ते नाते
बस पैसों को करें सलाम ।
माँ-बाप तड़पे कोने में
बेटे बहु करें आराम ।

 

प्यार मुहब्बत में भी तो
जिस्म की है भूख यहाँ।
सच्चा प्यार कहाँ मिलता है
चाहे ढूंढ लो सारा जहाँ ।

 

स्व रचित
मौलिक

🌹🙏 उत्तरांचली🙏🌹

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *