मतलब की इस दुनियाँ के जब रंग देखे मैने हजार
*मतलब*
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मतलब की इस दुनियाँ के
जब रंग देखे मैने हजार ।
सर थाम के बैठा तब से
और रोया में जार जार।
मतलब के सब संगी साथी
दुःख में वो भागे हैं दूर।
एक वही तो टिका रहा
प्यार किया जिसने भरपूर ।
प्यार भी बिकता है बाजार में
यहॉं जितने दे दो दाम ।
छुरी बगल में रखते हैं वो
और मुँह से बोलें राम राम ।
मतलब के हो गए रिश्ते नाते
बस पैसों को करें सलाम ।
माँ-बाप तड़पे कोने में
बेटे बहु करें आराम ।
प्यार मुहब्बत में भी तो
जिस्म की है भूख यहाँ।
सच्चा प्यार कहाँ मिलता है
चाहे ढूंढ लो सारा जहाँ ।
स्व रचित
मौलिक
🌹🙏 उत्तरांचली🙏🌹