भोलेनाथ प्रभु की जो मिल जाए पग धूल, सच मानो सारे कष्ट मिटे चाहे हो कोई भी भूल।

 

भोलेनाथ प्रभु की जो मिल जाए पग धूल,
सच मानो सारे कष्ट मिटे चाहे हो कोई भी भूल।

निज जीवन जगत मे शान्ति धन् वैभव आए,
दुख दर्द जीवन का प्रभु कृपा से निश्चय मिट जाए।

भोले शंकर की महिमा होती है अपरंपार,
मिल जाती जब इनकी कृपा खूब चले व्यापार।

मानव सफलता की सीढ़ियां नित चढ़ता जाता,
बाधाओं का संकट प्रभु कृपा से है मिटता जाता।

जो मानव अहम में भरकर अत्याचार करता,
भोले भंडारी का डमरू क्षण में दर्प है हरता।

जो मानव पंचाक्षर मंत्र का श्रद्धा से जाप करता,
मिलती भोले की कृपा संताप सारा है मिटता।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

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