शिव महिमा दोहे-
शिव महिमा दोहे-
परहित में जो रत रहें, किया हलाहल पान।
संकट सबके झेलते, शंकर सरल सुजान।।
औघड़दानी होत खुश, विन विधान अरु यज्ञ।
बेलपत्र अर्पण करो, कहते है ये विज्ञ।।
जिनसे सारे भागते, उनको रखते पास।
भूत प्रेत बेताल सब, इनके साथी खास।।
देवों के ये देव है, करें यही संहार।
जन्म म्रत्यु के चक्र में, घूम रहा संसार।।
अरुण दुबे