बुध ग्रह कृपा कर,धंधे बड़े सभी कर, सद ज्ञान उर भर,आप से ही आस हैं।

🥀मनहरण घानाक्षरी🥀
(ग्रह शान्ति में उपयोगी)
बुध-
बुध ग्रह कृपा कर,धंधे बड़े सभी कर,
सद ज्ञान उर भर,आप से ही आस हैं।
तन मन धन सब,अर्पित है सब कुछ,
कहते हैं सच सच,आपके ही दास हैं।।
ज्ञान दीप दिल जगें,गणपति उर बसें,
कारज में मन लगें,आपके ही पास हैं।
काल रूप भैंस फिरे,अति तकरार करे,
दांत काट पेट भरे,खेत की हम घास हैं।।
गुरु-
गुरु ग्रह गुरु सुन,गुरु दिल गुरु गुन,
दिल रख राम धुन,गुरु जी महान हैं।
मेघा गुरु आप दीजे,रोग दोष दूर कीजे,
काज साध आप लीजे,गुरु से जहान है।।
क्रोध अगन तेज हैं,पड़े मद की सेज हैं,
गुरु ही रंग रेज हैं,गुरु रंग खान हैं।
विवाह रोक दूर हो,पग की शुभ धूर दो,
कारज कर पूर्ण दो,गुरु जन जान हैं।।
शुक्र-
शुक्र दुख हर लेते,पुत्र पुत्री हमें देते,
वल वीर्य शुक्र से है,शुक्र सुख शान हैं।
हीरे मोती करें दान,लगें जैसें नभ भान,
शुक्र गुरु मेरी जान,शुक्र धन मान हैं।।
शिव जिनके गुरु है,हर धुन से शुरु हैं,
शुक्र शिव मगन हैं,करें गुण गान हैं।
प्रभुपग उदास हैं,सुनलो बडीं आस हैं,
सेवक हम खास हैं,रत्न धन खान हैं।।
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

 

 

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