नारी हरदम बोलती, पति है देव समान । इच्छा जाहिर जब करे, मिल जाता वरदान ।।
*माँ शारदे को नमन*
दिनांक – 08/03/2021
दिन – सोमवार
विधा – दोहा
विषय – *महिला दिवस / नारी*
नारी हरदम बोलती, पति है देव समान ।
इच्छा जाहिर जब करे, मिल जाता वरदान ।।
जब भी रोती नारियाँ, बन जाती तब बात ।
इन ऑंसू के बल सदा, देती नर को मात ।।
बरतन बजते हैं जहाँ, झगड़े हो दिन-रात ।
नारी जब समझे नहीं, कैसे बनती बात ।।
नारी बस रोयी तभी, विदा हुई ससुराल ।
अस्त्र-शस्त्र आँसू बने, हुई सास बेहाल ।।
सास-ससुर के सामने, आँसू निकले चार ।
हरदम नारी जीतती, मरता *राजकुमार* ।।
*राजकुमार छापड़िया*
मुंबई, महाराष्ट्र