नारी है नारायणी, दुर्गा का अवतार! सृजनी पालक वह बनी, करे दुष्ट संहार!!

दोहा- नारी!

नारी है नारायणी, दुर्गा का अवतार!
सृजनी पालक वह बनी, करे दुष्ट संहार!! 1!!

चंदन काजल दोउ है, नारी के निज हाथ!
चंदन से गौरव मिले, काजल अपयश साथ!! 2!!

जिस घर में नारी रहे, पढ़ी लिखी होशियार!
मर्यादा उसकी भली, गौरव मय परिवार!! 3!!

सृजनी, पालक, धर्मिणी, नारी है गुण -खान!
है इनका श्रृंगार ये, सत्य पती ब्रत जान!! 4!!

पैदा करती वीर अति, नारी- शक्ति अपार!
जगत भलाई के लिए, लेती है अबतार!! 5!!

धन्य -धन्य वह नारि है, दिया सुधाकर सिंह!
भारत के रक्षा हिते, भये शहीदी चिन्ह!! 6!!

बिन नारी घर में सदा, दिन में हो अधियार!
स्वचछ, शान, गौरव नही ,ना होवे उजियार!! 7!!

कुण्डलिया- नारी!

पैदा करती वीर वह, देय देश को दान!
भारत के रक्षा हिते, नारी जगत महान!!

नारी जगत महान, अवनी का पापें हरती!

करती जग उद्धार, दुष्ट का नाशें करती!!

कहत अमर कविराय, जगत का है वह महती!

करे दुक्ख का नाश, वीर वह पैदा करती!!

अमरनाथ सोनी अमर सीधी,

9302340662

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