कैसे कैसे लोग और कैसे कैसे काम। मच्छर को मलेरिया मेंढक को जुकाम।

गीत
कैसे कैसे लोग और कैसे कैसे काम।
मच्छर को मलेरिया मेंढक को जुकाम।
1-
करेंगे वह सैनिकों का होसला बुलन्द।
खुद के लिए चाहिए जिन्हें गाडी बंद।
देंगे बूँद बूँद खून खाते हैं कसम।
जिन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा की दम।
डिजडों की पाती है वीरों के नाम।
कैसे कैसे लोग और कैसे कैसे काम।
2-
इनके अनुभवों की है दास्ताँ बडी।
पार्टी घुस पैठ की लडाई कयी लडी।
यह तो वाकवीर हैं भला कैसे डरेगें।
नेता हैं ये आगे जाके कैसे मरेगें।
इनकी तो बीतती है होटलों में शाम।
कैसे कैसे लोग और कैसे कैसे काम।
33-
डुबो दी है राणा व शिवा जी शान।
हिजडों को सौंपा क्यों अपना हिन्दुतान।
करें क्या भारत के ऐसे हैं दुर्भाग्य।
जहाँ जाये भाग्य वहीं लागे आग।
सियारों ने ओड ली है सिंहो की चाम।
कैसे कैसे लोग और कैसे कैसे काम।
4-
सिंहो ने सियारों का किया अनुकरण।
विजय श्री बृहन्नला कर रही वरण।
सोचती है भारत माँ देख के संतान।
इससे तो निपूती मैं होती भगवान।
भारत की कैसी दशा हुई राम राम।
कैसे कैसे लोग और कैसे कै से काम।

के एल सोनी “विनोदी”
महाराजपुर जिला छतरपुर मप्र

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