यही तो हकीकत है । कि होती फजीहत है।

यही तो हकीकत है ।
कि होती फजीहत है।
खुद ही ना मानते जो,
पर देते नसीहत है।

पर अपना जो काम है।
करना अविराम राम है ।
कोई कुछ कहता रहे,
आराम तो हराम है।

नित आगे ही बड़ना है ।
बबाल में न पड़ना है।
अड़ना सदा सत्य पर,
ना ही जिद पै अड़ना है।

आदरणीय-विनोदी सोनी

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