मैं जीत लिखूँ या हार लिखूँ l मैं प्यार लिखूँ, तकरार लिखूँ ll
✍️✍️✍️क्या लिखूँ ✍️✍️✍️
मैं जीत लिखूँ या हार लिखूँ l
मैं प्यार लिखूँ, तकरार लिखूँ ll
मैं लिखूँ मरुस्थल, नागफनी l
या किसलय लिखूँ, बहार लिखूँ ll
मैं लिखूँ हिमालय, मेरु शिखर l
या दलदल लिखूँ, कछार लिखूँ ll
मैं गंगा का मैदान लिखूँ l
या पर्वत और पठार लिखूँ ll
मैं लिखूँ मुहाना या संगम l
या सागर की ललकार लिखूँ ll
मैं लिखूँ जेठ की तपती लू l
या सावन की बौछार लिखूँ ll
मैं शीत लिखूँ या सूनामी l
या नाव लिखूँ, पतवार लिखूँ ll
मैं नौ ग्रह का इतिहास लिखूँ l
या नव नौ रस की धार लिखूँ ll
मैं कागज, कलम, दवात लिखूँ l
मैं कविता या तलवार लिखूँ ll
मैं खेत लिखूँ, खलिहान लिखूँ l
या दिल्ली की दरबार लिखूँ ll
मैं लिखूँ बेबाई, फटे होंठ l
या मैं सोलह श्रृंगार लिखूँ ll
मैं लिखूँ उदासी, हँसी, खुशी l
मैं हीर पीर ललकार लिखूँ ll
मैं मौन लिखूँ, धरना, अनशन l
या पूजा, व्रत, त्योहार लिखूँ ll
मैं लिखूँ छाछ, या रस गोरस l
मेवा, मिश्री, फलहार लिखूँ ll
मैं भूख लिखूँ या तृप्ति लिखूँ l
या करुणा, हाहाकार लिखूँ ll
मैं पतन, पराजय, प्रगति लिखूँ l
अच्छी सेहत, बीमार लिखूँ ll
मैं शान्ति लिखूँ या कलह लिखूँ l
या सद्गुण, शिष्टाचार लिखूँ ll
मैं रेत लिखूँ या राख लिखूँ l
या मुट्ठीभर अंगार लिखूँ ll
लिख दूँ मंगल या चंद्रलोक l
या धरा, सर्व संसार लिखूँ ll
मैं लिखूँ अतिक्रमण, निजी स्वार्थ l
या ऋषि दधीचि, उपकार लिखूँ ll
शकुनी लिख दूँ, या विदुर नीति l
या गाण्डीव की टंकार लिखूँ ll
मैं लिखूँ महाभारत, गीता l
या “सरित” लहू की धार लिखूँ ll
लिख दूँ मानस की चौपाई l
या राघव का अवतार लिखूँ ll
मैं लिखूँ कंस या कुरूक्षेत्र l
सुन्दर सुमनों का हार लिखूँ ll
मैं लिखूँ परशु के फरसे को l
बलि, वामन का व्यवहार लिखूँ ll
मैं लिखूँ गुलामी की पीड़ा l
फाँसी या कारागार लिखूँ ll
आजादी का लिख दूँ विहान l
या लोकतंत्र बीमार लिखूँ ll
मैं हिन्दी हिन्दुस्तान लिखूँ l
मैं भारत की जयकार लिखूँ ll
ग्राम कवि सन्तोष पाण्डेय “सरित” गुरु जी गढ़ रीवा (मध्यप्रदेश) 8224913591 /8889274422
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