लड़का लड़की एक समान* नारी होती नर की संगिनी,
*लड़का लड़की एक समान*
नारी होती नर की संगिनी,
रखती सदा नर का ध्यान।
होते एक दूजे के पूरक दोनों,
सृष्टि ने बनाया शुभ विधान।
जो नर नारी को दासी समझे,
बहुत ही तुच्छ है उसका ज्ञान,
मद में चूर झूठे पुरुषत्व के,
तोड़ता वह हिन्द का संविधान।
बालक बालिका में करके भेद,
करता है सृष्टि का क्योंअपमान?
शिक्षा संग संस्कार दे रहे संदेश,
समानता से बढ़े भारत का मान।
अंतराष्ट्रीय महिलादिवस करे पुकार
मानो लड़का लड़की एक समान।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी,कानपुर