कोविड मामलों की संख्या और संक्रमण के पुष्ट रोगियों की दैनिक संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी दिखा रहे राज्यों से “जांच करने, पता लगाने और उपचार करने” के  मूलभूत सिद्धांत को फिर से लागू करने का अनुरोध किया गया

कोविड मामलों की संख्या और संक्रमण के पुष्ट रोगियों की दैनिक संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी दिखा रहे राज्यों से “जांच करने, पता लगाने और उपचार करने” के  मूलभूत सिद्धांत को फिर से लागू करने का अनुरोध किया गया

सर्वाधिक प्रभावित जिलों  में विशिष्ट जनसंख्या श्रेणियों के लिए मिशन मोड़ में टीकाकरण के काम में तेजी लाएं

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण और नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने आज हरियाणा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड राज्यों  और संख्या में  केंद्र शासित प्रदेश  दिल्ली एवं चण्डीगढ़ के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशनों (एनएचएम) के प्रबंध निदेशों के साथ विचार विमर्श किया  I राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में हाल के दिनों में कोविड संक्रमण के सक्रिय मामलों में रोज बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है I उन्होंने इन आठ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड संक्रमण के रोगियों की संख्या में तेजी से रोज हो रही बढ़ोतरी और संक्रमित रोगियों की अत्यधिक बढ़ी हुई संख्या को ध्यान में रखते हुए कोविड के मामलों की निगरानी, नियंत्रण और प्रबन्धन के लिए उठाए गए जन स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की I

एक विस्तृत प्रस्तुतुकरण में बताया गया कि दिल्ली में 09, हरियाणा में 15, आंध्र प्रदेश में 10, ओडिशा में 10, हिमाचल प्रदेश में 09, उत्तराखंड में 07, गोवा में 02 और चण्डीगढ़ में 01 जिले में चिंता की स्थिति बनी हुई है क्योंकि कुल परीक्षणों की संख्या का घटना, आरटी-पीसीआर परीक्षणों में सहभागिता की कम दर, साप्ताहिक रूप से संक्रमण पुष्ट रोगियों की संख्या में उभार और  कोविड संक्रमित रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाने के प्रयासों की कम होती संख्या जैसी बातें सामने आ रही है I इससे पड़ोसी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी संक्रमण के बहुत अधिक बढ़ने का खतरा हो सकता है I आगे की कारवाई के लिए इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के इन जिलों में कोविड स्थिति की समीक्षा का बिन्दुवार विश्लेषण  भी साझा किया गया I

राज्यों से विशेष रूप से कहा गया कि वे:

  • “जांच करने, पता लगाने और उपचार करने” की उस प्रभावी नीति को जारी रखें जिसके चलते बड़ी संख्या में महामारी फैलने के दिनों में सकारात्मक परिणाम मिले थे।
  • जांच में कमी आने की सूचना  दे  रहे जिलों में फिर से परीक्षणों की संख्या बढ़ाएं।
  • एंटीजेन परीक्षण के उच्च स्तर पर निर्भर जिलों में आरटी-पीसीआर परीक्षणों में सहभागिता की दर में वृद्धि करें।
  • चयनित जिलों के ऐसे क्षेत्रों में , जहां संक्रमण की संख्या में उभार आ रहा है, निगरानी और रोकथाम के उपायों  पर फिर से ध्यान देना होगा।
  • संक्रमण के प्रत्येक पुष्ट रोगी के निकट संपर्क में आए कम से कम 20 व्यक्तियों की औसतन  खोज करें .सभी रोगियों कोरोगियों की संख्या में  उचित प्रभावी उपचार देने के लिए अपनी स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करें क्योकि अचानक बढ़ोत्तरी से इन जिलों में मृत्यु दर पर भी असर होता है।
  • अधिक सख्या में रोगियों की सूचना दे रहे जिलों में प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों के टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के काम में तेजी लाएं.
  • उपलब्ध वैक्सीन की खुराकों का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करें और संवेदनशील जिलों पर ध्यान दें।
  • निजी अस्पतालों से तालमेल करके एक बार में  न्यूनतम 15 दिन और अधिकतम 28 दिनों के लिए टीकाकरण (वैक्सीनेशन) की समय सारिणी बनाएं।
  • परस्पर संवाद और कडाई से पालन के माध्यम से  कोविड- उचित व्यवहार को बढ़ावा दें।

संक्रमण की स्थिति और न बिगड़े इसके  लिए तत्काल जांच  कर आइसोलेट करने  और  इस  समय अपने घरों में ही आइसोलेशन रह रहे संक्रमित रोगियों   तत्काल चिकित्सीय निगरानी पर जोर दिया गयाI राज्यों से तेजी से बढ़ रहे संक्रमण पर नजर रखने और संक्रमण की इस कड़ी को तोड़ने के लिए अपने सर्वोत्तम उपायों को आपस में साझा करने के लिए भी कहा गया है I

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