तेरे ही सपनें आतें हैं, जीवन में खुशियाँ पातें हैं!
कविता – अतुकांत!
बिषय- तेरे ही सपनें आते हैं!
तेरे ही सपनें आतें हैं,
जीवन में खुशियाँ पातें हैं!
तेरा दिल मेरा दिल भी,
अपना फर्ज निभाता है!!
तेरे ही सपनें आतें हैं…..
चाहे कहीं रहूँ भी लेकिन,
मुझको याद सताती है!
तेरे ही चेहरे को देखे,
रात कभी जब आती है!!
तेरे ही सपनें आतें है…..
मान सदा सम्मान तुम्हारी,
मेरे जेहन में बैठा!
जिम्मेदारी बहुत बडी़ है,
तेरे सपनों का मुझको!!
तेरे ही सपनें आतें हैं….
ईश्वर को मैं सदा आरजू,
रखे खुशी तुमको हमको!
सदा मेरा संसार सुखी हो,
सब को देखूँ मैं अपना,
तेरे ही सपनें आतें हैं…..
घर समाज परिवार देश का,
सेवा करेंगें दोनों मिलकर!
यह अपना सौभाग्य मान लो,
यह जीवन फिर दुर्लभ है!!
तेरे ही सपनें आतें हैं,
जीवन में खुशियाँ पाते हैं!!
अमरनाथ सोनी अमर सीधी
9302340662