करते बच्चे पालना, बने पुत्र हैवान | है मकान खामोश अब, लाचारी हैरान
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गुलाब की पंखुड़ियाँ-
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करते बच्चे पालना, बने पुत्र हैवान |
है मकान खामोश अब, लाचारी हैरान |
लाचारी हैरान ,पड़ोसी होते मुखरित |
अतिथि देव संस्कार ,भूल संतान अवतरित |
कमल करे संताप , याद से खुशियांँ भरते |
धवला मृदुल अतीत ,समझ कर पालक करते||
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श्रीमती सरोज साव कमल रायगढ़ छत्तीसगढ़