शालिनी छंद मुक्तक
भोलेनाथ स्तुति
भोला मेरा,रोज मोहे बुलाता।
गाऊ मीठा,गीत नेहा जगाता।
पूजा होती,देख साकार पाते।
गौरा भोली, ,देख प्रीती बढ़ाता।
आओ भोले,रोग मेटो हमारा।
भीगे नैना ,देख मोहे उबारा।
बीती रैना,भोर लाई उजेला।
भोले प्यारे,राह काँटे सुधारा।
नीलम व्यास।