भोले की शिव रात है, सोम नाथ दिल धार।
🥀कुंडलिया🥀
विषय-शिव रात्रि
1-
भोले की शिव रात है,
सोम नाथ दिल धार।
आन हरें शिव पाप को,
हरते भू का भार।।
हरते भू का भार,
शम्भु की महिमा भारी।
चंदा सिर पर धार,
जगत की विपदा धारी।।
प्रभु पग शिव ही सार,
अगन हैं रवि गोले की।
करदो हर उद्धार,
आस बस है भोले की।।
2-
आयी प्यारी रैन ऐ,
नाचो गाओ साथ।
भोले माँ के संग हैं,
पकड़ें माँ का हाथ।।
पकड़ें माँ का हाथ,
प्रेम का पाठ पढ़ाते।
रोशन शिव की ज्योति,
जगत का सार सजाते।।
प्रभुपग भोले नाथ,
तारते पापी भारी।
आओ जगके नाथ,
रात ऐ आई प्यारी।।
3-
भोले आओ रात में,
कितनी प्यारी रात।
गौरा शंकर संग में,
कितनी सुंदर बात।।
कितनी सुंदर बात,
कमल सीं गौरा माता।
पाई है सौगात,
निरख दुख सबका जाता।।
प्रभुपग सुख की बात,
शम्भु दर दौड़े जाओ।
टालो दुख की रात,
वेग ही भोले आओ ।।
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🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश