डॉ हर्षवर्धन ने कोविड-19 वैक्सीन की अपनी पहली खुराक ली
डॉ हर्षवर्धन ने कोविड-19 वैक्सीन की अपनी पहली खुराक ली
स्वास्थ्य मंत्री सभी पात्र लोगों से टीका लगवाने और टीकाकरण से संबंधित किसी भी अफवाह से बचने की अपील की
“ये दोनों टीके सुरक्षित, प्रतिरक्षात्मक और उपयोगी हैं। अब तक, लगभग 1.5 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है। केवल 0.0003% लोगों पर ही टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं (एईएफआई) का मामूली प्रभाव देखा गया है”
“कोविड से लड़ने के लिए कोरोना वायरस रोधी और टीकाकरण वैक्सीन का उपयुक्त व्यवहार”
“भारतीय टीकों की दुनिया में बहुत मांग है। वैक्सीन मैत्री के लिए यह अच्छी खबर है”
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज नई दिल्ली के ‘दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट’ में कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली।
वैक्सीन का पहला डोज़ लेने के बाद, डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “उन्होंने स्वयं और उनकी पत्नी ने आज कोवैक्सीन टीके की पहली खुराक ली है। डॉ हर्षवर्धन ने 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों तथा अन्य बीमारियों से पीड़ित 45 और उससे अधिक आयु के लोगों से अपील की कि वे तत्काल टीका लगवाएं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह टीका कोरोना वायरस के खिलाफ हम सभी के लिए संजीवनी है। उन्होंने कहा कि, हनुमान जी ने संजीवनी बूटी पाने के लिए भारत के आधे हिस्से को पार कर लिया था, लेकिन यह संजीवनी आपके नजदीकी सरकारी और निजी अस्पताल में उपलब्ध है। टीका लगवाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, उन्होंने और उनकी पत्नी ने अस्पताल में अपनी-अपनी डोज़ के लिए 250 रुपये देकर ये टीके लगवाए हैं। जो लोग वैक्सीन का मूल्य वहन कर सकते हैं वे निकट के किसी भी निजी अस्पताल में जाकर इस टीके को लगवा सकते हैं।”
डॉ हर्षवर्धन ने वैक्सीन-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने सभी देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि, “पिछले एक साल से हम लोगों से कोविड से बचने के लिए संतुलित व्यवहार का पालन करने की अपील कर रहे हैं। इसलिए आज, मैं आपको कोविड-उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ वैक्सीन उपयुक्त व्यवहार (वैक्सीन की पहली खुराक लेना और 28 दिनों के भीतर दूसरी खुराक प्राप्त करना) का पालन करने का अनुरोध करना चाहता हूं। ये दोनों टीके सुरक्षित, प्रतिरक्षात्मक और उपयोगी हैं। यदि आपको इस टीकाकरण के बाद किसी भी दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ता है, तो डरें नहीं और अपने चिकित्सक से परामर्श करें। अब तक, लगभग 1.5 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है। केवल 0.0003% लोगों पर ही टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं (एईएफआई) का मामूली प्रभाव देखा गया है। देश में टीकाकरण से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने की कोई खबर सामने नहीं आई है। आइये, हम सब मिलकर भारत को कोविड-19 मुक्त बनाएं!”
श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “मैं अपने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस महामारी के दौरान सामने से आकर देश का नेतृत्व किया, उन्होंने टीके के विकास का आगे बढ़कर समर्थन किया और 16 जनवरी को विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का उद्घाटन किया। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, जब प्रधानमंत्री की बारी आई, तो उन्होंने खुद को टीका लगवाकर उदाहरण प्रस्तुत किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, भारतीय टीकों की दुनिया में बेहद मांग है। लगभग 28 देशों को टीके भेजे गए हैं और करीब 3 से 4 दर्जन देश इन टीकों की मांग कर रहे हैं। वैक्सीन मैत्री के लिए यह अच्छी खबर है। उन्होंने कहा कि, विश्व इसके लिए हमारी सराहना कर रहा है।
को-विन प्लेटफॉर्म के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “अचानक से अत्यधिक संख्या में पंजीकरण होने के कारण को-विन प्लेटफॉर्म में कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी। इस प्लेटफॉर्म पर कल रात तक लगभग 34 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया था। उन्होंने कहा कि, टीका लगवाने के लिए पंजीकरण कराने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।”
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “मैं सभी अस्पतालों से 28 दिनों के लिए समय-सारणी अपडेट करने का अनुरोध करना चाहूंगा ताकि लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। भारत सरकार पूरे देश के लिए वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है ताकि सभी को टीका लगाया जा सके।”
भारत में कोविड मानदंडों के बारे में बताते हुए, डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि, “भारत में कोविड से ठीक होने की दर दुनिया में उच्चतम है और मृत्यु दर सबसे कम है। यह टीकाकरण हमें कोरोना वायरस के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद करेगा। मैं सभी नागरिकों से कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ वैक्सीन उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का अनुरोध करता हूं। हम सभी को कोविड के टीके से संबंधित मिथकों और भ्रांतियों के खिलाफ लड़ना चाहिए। सभी लोग टीकाकरण के लिए अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों को प्रेरित करके इस टीकाकरण अभियान को ‘जन आंदोलन’ बनाएं।
अंत में, डॉ हर्षवर्धन ने मीडियाकर्मियों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने महामारी के दौरान कोविड योद्धाओं की तरह कार्य किया और ग्राउंड ज़ीरो पर काम करते हुए कोविड से संबंधित वास्तविक जानकारी सही समय पर प्रसारित करने में मदद की। उन्होंने कोविड योद्धाओं के लिए भी अपनी संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने दूसरों का जीवन बचाने में अपनी जान गंवा दी।