आज बलिदान दिवस है शौर्य वीर चंद्रशेखर आजाद का । वीर क्रांतिकारी था आजाद था ।
आज बलिदान दिवस है शौर्य वीर चंद्रशेखर आजाद का ।
वीर क्रांतिकारी था आजाद था ।
काकोरी काण्ड में जिसने।
दुश्मन की नींद उडा दी ।
अपने कारनामों से अंग्रेजों
की जड़ें हिला दी।
खौफ परेशान अंग्रेज अफसर
जारी ऐ फरमान कर दिया।
जिंदा या मुर्दा चंद्र शेखर आजाद
को पकड़ने का आदेश किया।
ले सौगन्ध आजाद ने
अंग्रेजों की बर्बादी का ।
बिगुल फूंक दिया फिरंगियों को सबक सिखाने का।
कई ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।
चौकियों में आग लगा,अरि को रक्त कीहोली से नहला दिया ।
चारों तरफ आजाद ही आजाद गूंज रहा था ।
भारत के रग रग में आजादी का विगुल फूंक रहा था।
अंत में मुठभेड़ में देख घिरा दुश्मनों से अपने को,
स्वयं कनपटी में अपने गोली मारी सौगंध आजाद की निभाने को ।
जय हिन्द वन्दे मातरम जय भारत
का नाम रोशन किया ।
शहीदों में अपनी गिनती को स्वर्णिम किया।
आजाद था आजाद हैं आजाद ही रहा।
उसे पकड़ने में विफल अंग्रेजों का काफिला रहा ।
आजाद जैसे देशभक्त वीर कभी मरते नहीं ।
भारत के सिंह सैनिक कभी पिंजड़े में रहते नहीं।
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[$] ✍️ शैलेन्द्र पयासी