लोग बोले साब जी से, कारखाने खोज जी।।
बहरे-रमल( मसम्मन सालिम)
शिल्प-
(2122 2122
2122 212)
विषय-अबैध तमंचे
💥💥💥💥💥
बेंचते वंदूक टोंटे,
देख लीजे आप जी।
घूमते वेक़ूफ़ लेके,
लेख लीजे साब जी।।
वैधना ये सोच लीजे,
कारखाने टॉप जी।
धारते हैं लोग ऐसे,
सांप काले काल जी।।
वेंचते–
चैन की ना सांस सेते,
कांपते हैं सोच जी।
तानके ये लूट लेते,
भोगते हैं लोग जी।।
मार दें ना जान से ये,
घूमते हैं रोज जी।
लोग बोले साब जी से,
कारखाने खोज जी।।
💥🌼💥🌼💥🌼
🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश