केन्द्रीय गृह सचिव ने 7 फरवरी को चमोली जिले में हिमस्खलन की घटना के चलते बनी कृत्रिम झील की स्थिति की समीक्षा की
केन्द्रीय गृह सचिव ने 7 फरवरी को चमोली जिले में हिमस्खलन की घटना के चलते बनी कृत्रिम झील की स्थिति की समीक्षा की
केन्द्रीय गृह सचिव ने कृत्रिम झील की स्थिति की समीक्षा के लिए आज एक अन्य बैठक की। यह झील उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में हिमस्खलन की घटना के चलते बन गई है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव अपनी टीम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कई वैज्ञानिक एजेंसियों और सैटेलाइट डेटा के द्वारा कृत्रिम झील के भौतिक सत्यापन के आधार पर बताया कि कोई आसन्न खतरा नहीं है, क्योंकि पानी उम्मीद से कम है और यह एक प्राकृतिक माध्यम सेप्रवाहित हो रहा है, जो चौड़ा हो गया है। केन्द्रीय गृह सचिव ने पानी का ज्यादा प्रवाह सुनिश्चित करने और कुछ बाधाओं हो हटाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की, जो कृत्रिम झील के स्थल पर निर्मित हो गए थे। डीआरडीओ सचिव और राज्य प्रशासन को केन्द्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ सामंजस्य में हालात पर लगातार नजर रखने के लिए कहा गया है। केन्द्रीय गृह सचिव ने अस्थायी अवरोध से पैदा हालात से निपटने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों की तरफ से राज्य सरकार को सहायता जारी रखने और जरूरत पड़ने पर हर सहयोग उपलब्ध कराने का भी भरोसा दिलाया है।
बैठक में डीजी आईटीबीपी, एनडीएमए के सदस्य सचिव, डीजी एनडीआरएफ, चेयरमैन डीआरडीओ, ऊर्जा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी, आईडीएस मुख्यालय के अधिकारी और विभिन्न केन्द्रीय एजेंसियों के वैज्ञानिकों के साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।