“आइए हम यह सुनुश्चित करें कि कोई भी बच्चा और गर्भवती महिला, बीमारियों से बचाने वाले टीकों से वंचित नहीं रह जाए”

सबको टीकाकरण पर जोर: डॉ हर्षवर्धन ने समग्र इंद्रधनुष अभियान (आईएमआई) 3.0 लांच किया

आईएमआई दो चरणों में होगा, पहला चरण 22 फरवरी और दूसरा चरण 22 मार्च को 29 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 250 जिलों से शुरू होगा

“आइए हम यह सुनुश्चित करें कि कोई भी बच्चा और गर्भवती महिला, बीमारियों से बचाने वाले टीकों से वंचित नहीं रह जाए”

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने आज समग्र मिशन इन्द्रधनुष 3.0 अभियान की शुरूआत की है। इस मौके पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे,बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री ने इसके अलावा आईएमआई 3.0 पोर्टल भी लॉन्च किया और आईएमआई 3.0 के लिए परिचालन दिशानिर्देश भी जारी किए। इसके तहत अभियान के प्रति जागरूकता के लिए सामग्री और पैकेज भी विकसित किया गया है।

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डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि आईएमआई 3.0 अभियान पिछले चरणों के लाभ से मिले अनुभवों पर आधारित है और सर्व टीकाकरण की को लक्ष्यों की ओर बढ़ेगा। टीकाकरण अभियान के तहत इन्द्रधनुष अभियान के पहले चरण में 690 जिलों को शामिल किया गया है। इसके तहत 3.764 करोड़ से ज्यादा बच्चों और 94.6 लाख  गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया था।

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा “मौजूदा आठवें अभियान के तहत देश के सभी जिलों में 90 फीसदी तक टीकाकरण करने (एफआईसी) का लक्ष्य रखा गया है। इसके जरिए देश की टीकाकरण प्रणाली को मजबूत कर भारत सतत विकास लक्ष्य को हासिल कर सकेगा। इन्द्रधनुष अभियान को 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लॉन्च किया गया था। जिसका उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।

आईएमआई 3.0 द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, 313 जिले कम जोखिम, 152 जिले मध्यम जोखिम और 250 जिले सबसे ज्यादा जोखिम वाले वर्ग में रखे गए हैं।

वर्तमान कोविड संकट के संदर्भ में अभियान की भूमिका पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा ,देश ने कोविड-19 के रोकने में सफलता हासिल की है। और इस दौरान देश में दो स्वदेशी टीकों को भी विकसित किया गया है। इसके साथ ही महामारी की वजह से पहली बार वैक्सीन की जरूरत को इतनी शिद्दत से महसूस किया गया । हर साल सर्व टीकाकरण अभियान 2.65 करोड़ बच्चों  और 2.9 करोड़ बच्चों के टीकाकरण की जरूरतों को पूरा करता है। और इसके जरिए 12 बीमारियों से बचाव होता है। सभी राज्यों और केंद्रशासित राज्यों के प्रयासों के बावजूद, कुछ बच्चे और गर्भवती महिलाएं अभी टीकाकरण का हिस्सा नहीं बन पाए हैं।
इंद्रधनुष अभियान वास्तव में हर बच्चे और गर्भवती महिला तक टीके को पहुंचाने का सफल प्रयास है। इसकी वजह से टीकाकरण कवरेज में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जो कि 22 राज्यों के लिए उपलब्ध एनएफएचएस 5 के आंकड़ों से भी स्पष्ट है”

अंतिम नागरिक तक सस्ती स्वास्थ्य प्रदान करने पर जोर देते हुए पर मंत्री ने कहा, कोविड-19 के दौर में भी जिस तरह  समग्र इन्द्रधनुष अभियान (आईएमआई) 3.0 बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है, उससे भारत की मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली भी सबके सामने आती है।समग्र इन्द्रधनुष अभियान 3.0 का उद्देश्य सर्व टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत टीकों की पहुंच उन लोगों तक हो जाय, जिन्हें अभी तक उसका लाभ नहीं मिल पाया है। इस कदम से बच्चों और गर्भवती महिलाओं के सर्व टीकाकरण अभियान में तेजी आएगी। उन्होंने बजट में उन प्रावधानों का भी उल्लेख किया जो स्वास्थ्य और बेहतर जीवन को प्राथमिकता देते हैं।

इस अवसर पर श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा इन्द्रधनुष अभियान भारत के लिए बेहतरीन साबित हुआ है। और पहले के चरणों के दौरान उसने बहुत दूरगामी परिणाम दिए हैं। इन्द्रधनुष और सघन इन्द्रधनुष अभियान सबसे ज्यादा जोखिम वाले लोगों तक पहुंचने में मदद करते हैं। इसकी पहुंच का असर यह है कि ईंट भट्टों पर काम करने वाले, निर्माण स्थलों पर काम करने वाले और खानाबदोश आबादी तक टीकाकरण संभव हो पाया है।

पिछले अभियानों के अनुभव से टीकाकरण अभियान के क्रियान्वन में सुधार लाने, सेवाओं की मांग पैदा करने और सहायक प्रणालियों को मजबूत करने में भी मदद मिली है।

मंत्रियों ने अभियान पर संतोष व्यक्त करते हुआ कहा आईएमवी 3.0 अभियान के तहत कोविड संबंधित प्रोटोकॉल को भी सुनिश्चित किया जाएगा।

राज्यों को कहा गया है कि वह ऐसी योजना बनाएं, जिससे टीकाकरण स्थल पर बहुत ज्यादा भीड़ एकत्र नहीं होने पाए। अगर लोगों को दूर-दूर बैठाकर टीकाकरण का प्रयास सफल नहीं हो पाए, तो ऐसी व्यवस्था की जाय कि एक जगह पर 10 से ज्यादा लोग एक सत्र में टीकाकरण के लिए मौजूद नहीं हो।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक सुश्री वंदना गुरनानी, प्रजनन और बाल स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री प्रीति पंत और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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इसके अलावा राज्य सरकारों के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ,डेवलपमेंट पार्टनर यूएनडीपी और बीएमजीएफ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

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