प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना-पीएमकेएसवाई के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष फ़ायदों पर प्रकाश डाला गया

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने असम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के हितधारकों की बैठक में भाग लिया

प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना-पीएमकेएसवाई के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष फ़ायदों पर प्रकाश डाला गया

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने आज असम के गुवाहाटी में खाद्य प्रसंस्करण पर हितधारकों की बैठक में भाग लिया। बैठक का आयोजन असम सरकार के साथ साझेदारी में भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने किया था।

श्री रामेश्वर तेली ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की नीति के अनुसार और क्षेत्र की प्राथमिकताओं के अनुरूप, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए अपने बजट का 10 प्रतिशत भाग आवंटित कर रहा है।

श्री तेली ने कहा कि असम में इस समय लगभग 200 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ 15 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां कार्य कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि असम में लगभग 60 करोड़ रुपये के कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर्स परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है और इसी राशि की एक अन्य कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर्स-एपीसी परियोजना तैयार है, जिसे मंजूरी प्रदान की जानी है। उन्होंने कहा कि असम के नलबाड़ी जिले में मेगा फूड पार्क के माध्यम से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

श्री तेली ने आगे कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय-एमओएफपीआई की एक प्रमुख योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत, इस क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उच्च दर और अन्य छूटों के संदर्भ में पूर्वोत्तर राज्यों के लिये विशेष लाभ उपलब्ध कराए गए हैं। उदाहरण के लिए, पूर्वोत्तर क्षेत्र में सब्सिडी की दर सामान्य क्षेत्रों में 35 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की तुलना में 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक है। वर्तमान में, पीएमकेएसवाई के तहत असम में 28 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, इनमें से 7 परियोजनाएं कार्य कर रही हैं। राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि कृषि उद्यान योजना को विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

राज्य मंत्री तेली ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में ज्यादातर मामलों में, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के बारे में सही दिशा-निर्देश उपलब्ध नहीं हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय-एमओएफपीआई में एक परियोजना विकास इकाई का गठन किया गया है, जो इच्छुक उद्यमी को काउंसलिंग प्रदान करने और डीपीआर आदि बनाने में सहायता प्रदान करता है।

श्री रामेश्वर तेली ने असम सरकार से प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना-पीएमकेएसवाई और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना-पीएमएफएमई को लोगों के लिए सुलभ बनाने का आग्रह किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के माध्यम से, किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिल सकता है, फसल कटाई के बाद के कचरे को कम करने और निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।

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