विषय-पुलवामा शहीदों की यादें

तर्ज-
मैं तुलसी तेरे आँगन की–
विषय-पुलवामा
🥀विरह राष्ट्रीय गीत🥀
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मैं नारी हूँ इस भारत की।
रोई नहीं मैं रोई नहीं मैं,
रोई नहीं मैं यादें साजन की।
मैं नारी हूँ इस–
नीर बिना मीन तड़फ रही।
ऐसे ही मैं तड़फ रही।।
ऐसे ही मैं तड़फ रही।
यादें दिल में भावन की।
मैं नारी हूँ इस—
मांग भी उजड़ी,गोद भी उजड़ी।
चोट खाई है दिलपर तगड़ी।।
सोच बड़ी है प्रीतम की,
मैं नारी हूँ—-
पापी ने छल हमसे कीन्हा है।
धोखा भारी कायर दीन्हा है।।
नादानी ऐ पागल की।
मैं नारी हूँ—–
पुलवामा की दुखमय घटना।
शहीदों कीं यादें दिल भरना।।
होली जल गई खुशियों की,
मैं नारी हूँ—
धीरज धर माँ,लालन तेरे।
बहन अमर हैं साजन तेरे।।
जगती ज्योति राजन की।
मैं नारी हूँ—-
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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