गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्तियों पर कोविड-19 का प्रभाव

गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्तियों पर कोविड-19 का प्रभाव

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज लोक सभा मे कहा कि सरकार की नवीनतम ‘संकलक: राष्ट्रीय एड्स रुझान’ (2020) रिपोर्ट के अनुसार देश में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की एचआईवी जांच और परामर्श सेवाओं के तहत विगत पांच वर्षों में लगभग 5.56 लाख एचआईवी/एड्स मामले रिपोर्ट किए गए हैं। इसका वर्ष-वार विवरण निम्नवत है:

वित्तीय वर्ष रिपोर्ट किए गए मामले
2017-18 191,947
2018-19 187,382
2019-20 177,236

 

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के कार्यक्रम के तहत विभिन्न सुविधा केंद्रों में पंजीकृत सभी व्यक्तियों के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान एचआईवी/एड्स और क्षयरोग जैसे संबंधित रोग के लिए सुविधाजनक सुविधाओं का प्रावधान किया गया है।

नाको ने एंट्री रेट्रोवायरल उपचार (एआरटी) के बहु-मासिक वितरण, एचआईवी हेतु समुदाय आधारित जांच और प्रबंधन हेतु विकेंद्रीयकृत विकल्‍पों जैसे विभेदित साधनों के माध्यम से जितना संभव हो सेवा प्रदानगी को सुनिश्चित करने हेतु सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की एड्स नियंत्रण सोसाइटियों को मार्ग-दर्शक नोट जारी किए हैं। आपात स्थान परिवर्तन के लिए वाहन और प्रथम पंक्ति कार्यकर्ताओं की निर्बाध आवाजाही और एचआईवी/एड्स के साथ रह रहे लोगों को दवाओं की प्रदानगी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की गई थी।

राज्यों को महामारी के दौरान अन्य राज्यों/जिलों में फंसे एचआईवी ग्रस्त रोगियों यदि हो तो, को दवाओं के लिए मना न करने हेतु आगामी निर्देश दिए गए थे।

नाको ने नियमित समीक्षा करने और उसके निर्देशों को दोहराने के लिए समुदाय प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी हितधारकों के साथ अनेकों वर्चुअल बैठकें भी आयोजित कीं।

नाको ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में पीएलएचआईवी और अन्य संबंधित जनसंख्या को शामिल करने के लिए सभी एसएसीएस के साथ-साथ सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय को भी लिखा है।

नाको ने एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों पर कोविड-19 के प्रभाव पर कोई अध्ययन नहीं किया है।

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