सदियो से होता आ रहा है पत्रकारो का दमन मो0 आसिम सिद्दीकी

सदियो से होता आ रहा है पत्रकारो का दमन
मो0 आसिम सिद्दीकी

अग्रेजो की हुकूमत से षुरू हुआ पत्रकारो के दमन और प्रेस की आजादी को दबाने का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। फर्क बस इतना है जो पहले ब्रिटिस किया करते है वही आज की सरकारे कर रही है। सरकार भले ही किसी भी पार्टी की रही हो लेकिन पत्रकारो की आवाज दबाने का यह सिलसिला कभी थमा ही नही। राजद्रोह के मुदकमे जो ब्रिटिस किया करते थे वही आज की सरकारे भी कर रही है। जबकि भारत को छोड़कर कई मुल्क ऐसे है जिन्होने आजादी मिलने के बाद अपने देष से राजद्रोह एक्ट को ही समाप्त कर दिया।

गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली मे हुई किसान परेड के दौरान हुई घटना और पत्रकारो पर हो रहे मुकदमो के बाद से दिल्ली का लाल किया और पत्रकार दोनो ही चर्चा के केन्द्र मे है। जहा एक ओर लाल किले पर सिक्खो के पवित्र झंडे निषान साहब की चर्चा है तो वही दूसरी ओर राजदीप सरदेसाई व सिद्धार्थ वर्दराजन जैसे वरिश्ठ पत्रकारो पर दर्ज किये गये मुकदमो की बात की जा रही है।

गुजरे 66 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसाने का आंदोलन चल रहा है। उसी आंदोलन के बीच पत्रकारों पर आपराधिक मामले भी दर्ज किए जा रहे हैं। इसमे अब हरियाणा के एक स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया का भी नाम जुड़ गया है.

मंदीप को शनिवार रात सिंघु बॉर्डर से पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. जिसके बाद उन्हे 14 दिन की न्याययिक हिरासत में भेज दिया गया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को इंडिया टुडे के पत्रकार और एंकर राजदीप सरदेसाई, नेशनल हेराल्ड की वरिष्ठ सलाहकार संपादक मृणाल पांडे, कौमी आवाज के संपादक जफर आगा, द कारवां पत्रिका के संपादक और संस्थापक परेश नाथ, द कारवां के संपादक अनंत नाथ और इसके कार्यकारी संपादक विनोद के. जोस कि खिलाफ राजद्रोह और उसके बाद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वर्दराजन के खिलाफ 120बी व 505 की उपधारा 2 के तहत मामला दर्ज किया गया। यही केस मध्य प्रदेश पुलिस भी दर्ज कर चुकी है.

पत्रकारों पर एक के बाद ऐसी कार्रवाई को लेकर कई पत्रकार संगठनों ने साझा प्रेस मीटिंग भी की. इन बैठको मे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन, इंडियन वूमन प्रेस कॉर, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट और इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन शामिल थे.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा, कोई स्टोरी जब घटित हो रही होती है तो चीजें अक्सर बदलती रहती हैं. उसी तरह जो स्थिति है, वही रिपोर्टिंग में दिखती है, जब इतनी भीड़ शामिल हो और माहौल में अनुमान, शक और अटकलें हों तो कई बार पहली और बाद की रिपोर्ट में अंतर हो सकता है. इसे मोटिवेटिड रिपोर्टिंग बताना आपराधिक है जैसा कि किया जा रहा है.
बैठक में मौजूद पत्रकार सीमा मुस्तफा ने कहा कि इस तरह के दौर में पत्रकारिता कैसे की जा सकती है. ये आरोप सिर्फ पत्रकारों को डराने के लिए नहीं हैं बल्कि अपना काम करने वाले हर व्यक्ति को डराने के लिए हैं.

गुजरे डेढ़ साल में कम से कम 15 पत्रकारों के खिलाफ खबर लिखने के मामलों में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं.
31 अगस्त 2019 को मिर्जापुर में पंकज जायसवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. पंकज जायसवाल ने सरकारी स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी खिलाए जाने से संबंधित खबर छापी थी.

16 सितंबर, 2020 को सीतापुर में रवींद्र सक्सेना ने क्वारंटीन सेंटर पर बदइंतजामी की खबर लिखी. उन पर सरकारी काम में बाधा डालने, आपदा प्रबन्धन के अलावा एससी/एसटी ऐक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया.

10 सितम्बर 2019 को आजमगढ़ के एक स्कूल में छात्रों से झाड़ू लगाने की घटना को रिपोर्ट करने वाले छह पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर हुई. पत्रकार संतोष जायसवाल के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और रंगदारी मांगने संबंधी आरोप दर्ज किये गए.
सात सितम्बर 2020 को बिजनौर में दबंगों के डर से वाल्मीकि परिवार के पलायन करने संबंधी खबर के मामले में पांच पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई.

साल 2020 फरवरी में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में पदयात्रा निकाल रहे दस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था जिसमें पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत भी शामिल थी.

जून 2020 मे में एक न्यूज वेबसाइट स्क्रॉल की कार्यकारी संपादक सुप्रिया शर्मा और वेबसाइट की मुख्य संपादक के खिलाफ वाराणसी पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर एससी-एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज की थी.

साल 2020 मे ही वरिष्ठ पत्रकार और संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ भी उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं.
उन पर आरोप थे कि उन्होंने लॉकडाउन के बावजूद अयोध्या में होने वाले एक कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामिल होने संबंधी बात छापकर अफवाह फैलाई.

प्रेषित पत्रकार स्वयं सहायता समूह मंच के द्वारा आपका अपना अनुज नीरज जैन

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