कोयल बोल रही है डाली, प्यारी काली काली।
🥀सार छंद🥀
सृजन शब्द-कोयल
1-
कोयल बोल रही है डाली,
प्यारी काली काली।
राधा बोली सुनो श्याम जी,
बनो बाग के माली।।
कोयल गाती मधुर रागनी,
प्रीतम बिन दिल खाली।
चंचल आओ पास हमारे,
जीतूँ हारी पाली।।
2-
कोयल राग सुहाना गाती,
सबके मन को भाती।
श्यामा व्याकुल श्याम मिलन को,
दर दर ठोकर खाती।।
कोयल कूँकें दिल घबड़ावै,
दुख के मेघा छाती।
प्रभु पग मन में बड़ी उदासी,
सूरत नहीं दिखाती।।
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश