जीवन साथी मेरे तुम हो। सात जन्म का साथ हमारा।।
🥀गीत🥀
(16-16)
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जीवन साथी मेरे तुम हो।
सात जन्म का साथ हमारा।।
छोड़ न देना किसी मोड़ पर।
साथ जन्म का साथ हमारा।।
तूँ है मेरा मैं हूँ तेरी,
ऐ रिस्ता बहुत पुराना है।
आजा प्रीतम अब बाहों में,
ऐ मौसम स्वर्ण सुहाना है।।
तोड़ न देना डोर प्रीत की,
साथ जन्म का—-
चाँद गगन में चमक रहा है,
अब रैन सुहानी लगती है।
चमक रहे हैं तारे नभ में,
दिल याद तुम्हारी जगती है।।
साजन सीखो रीत प्रीत की,
सात जन्म का—
पलकों में प्रिय तुम्हें बसा लूँ,
फिर दिलमें कैद कराऊँगी।
साँसों में प्रिय तुम्हें सजा लूँ,
मैं राग प्यार का गाऊँगी।।
प्रीतम आओ लहर शीत की।
सात जन्म का—–
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🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश