देख मुकदमा फर्जी लिखते, लीला सबकी जानी हैं।

🥀ताटंक🥀
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कलम सुरक्षित नहीं देश में,
भ्रष्टाचारी भारी है।
ढोल पीटते अपना अपना,
नौटंकी लख जारी है।।
कलम विरोधी चले अगर तो,
करता पापी रारी है।
सच्चाई की राह कठिन है,
झूठ राज की वारी है।।

देख मुकदमा फर्जी लिखते,
लीला सबकी जानी हैं।
हिन्द देश की नैया डग मग,
पापी ने क्या ठानी है।।
योगी मोदी चेत लेव अब,
कलम स्याही पानी है।
जो रंगत स्याही में नाहीं,
सारी साफ कहानी है।।

कलमकार ठोकर हैं खाते,
घुट घुट मरते जाएंगे।
फ़िकर नहीं है इनको तनकी,
हिन्द सुखी कस पाएंगे।।
सीमा होती सहने की भी,
कैसे धीर धराएंगे।
सावधान अब नहीं सहेंगे,
ईंट से ईंट बजाएंगे।।
💥🌼💥🌼💥🌼
🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

 

 

 

 

 

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