देश में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) की वर्तमान स्थिति

देश में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) की वर्तमान स्थिति

30 जनवरी 2021 तक 10 राज्यों (केरल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू कश्मीर) में0 पोल्ट्री (कुक्कुट) पक्षियों में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ़्लू) की पुष्टि हुई है, जबकि 13 राज्यों (मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, पंजाब और बिहार) में कौवों, प्रवासी पक्षियों और जंगली पक्षियों में इस संक्रमण के प्रकोप की पुष्टि की गई है।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के उधमपुर (धंतवाल पश्चिम) जिले के घरेलू पक्षी में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है।

इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में कौवों के नमूनों में; बिहार के पश्चिम चंपारण जिला और उधमपुर (धंतवाल पश्चिम) में मोर के नमूनों के साथ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पुंछ के कौवे के नमूने में भी एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है।

मध्य प्रदेश और गुजरात राज्यों में पोल्ट्री के सभी उपकेंद्रों के लिए स्वच्छता प्रमाणपत्र जारी किया गया है और पोस्ट ऑपरेशन सर्विलांस प्लान (पीओएसपी) लागू किया गया है।

हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तर प्रदेश के प्रभावित क्षेत्रों में नियंत्रण और संचालन कार्य (सफाई और कीटाणुशोधन) चल रहा है।

पोल्ट्री फॉर्म को छोड़कर पक्षियों की प्रजातियों में सकारात्मक स्थानों पर सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

उन किसानों और पशुपालकों को मुआवज़ा दिया जाता है, जिनके पोल्ट्री (कुक्कुट) पक्षियों, अंडों और पोल्ट्री चारा को राज्य की विशेष कार्य योजना के अनुसार निपटाया / निस्तारित किया जाता है। भारत सरकार का पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) अपनी पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता -एएससीएडी के तहत 50:50 प्रतिशत सहयोग के आधार पर राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता राशि उपलब्ध कराता है।

एवियन इन्फ्लुएंज़ा 2021 से निपटने की तैयारी, नियंत्रण और निस्तारीकरण के लिए संशोधित कार्य योजना के आधार पर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाए गए नियंत्रण उपायों के बारे में सभी राज्य दैनिक आधार पर विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं।

विभाग ट्विटर और फेसबुक हैंडल जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से एवियन इन्फ्लुएंजा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *