उल्लाला मुक्तक
🥀उल्लाला मुक्तक🥀
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आके रखना लाज माँ,
गोदी हमको पालना।
दीपक जग मग ज्ञान हो,
माता हम हैं लालना।।
वाणी अमृत घोलिए ,
प्यारा प्यारा राग दो।
कंठ विराजो आन के,
सारी विपदा टालना।।
वाणी माता ज्ञान दो,
श्वर सरगम को साधना।
वीणा की झंकार दो,
और कछु नही चाहना।।
सारे जग में नाम हो,
हाथ शीश पर धार दो।
प्रभुपग धूली दास हो,
गहो गोद माँ लालना।।
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🥀प्रभुपग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश